15 मई से आप प्रॉपर्टी का नामांतरण ऑनलाइन कर पाएंगे. नामांतरण के ऑटोमेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. ई-रजिस्ट्री कराते ही नामांतरण का आवेदन ऑनलाइन हो जाएगा. आवेदक को मोबाइल पर एसएमएस से नामांतरण के लिए तय तारीख भी पता चल जाएगी.
आरसीएमएस सॉफ्टवेयर के माध्यम से सभी तहसील न्यायालय आॅनलाइन किया जाएगा. रजिस्ट्री होते ही केस सीधे तहसीलदार को आॅनलाइन ट्रांसफर होगा. खरीदार और विक्रेता का वेरिफिकेशन रजिस्ट्री में ही पुख्ता हो जाएगा. इसके बाद वेरिफिकेशन सिर्फ लैंड रिकाॅर्ड का होगा. राजस्व विभाग के मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने बताया कि अभी तक लोगों को जमीन खरीदने के बाद नामांतरण के लिए महीनों परेशान होना पड़ता था. लोगों की सुविधा के लिए पंजीयन विभाग और भू-अभिलेख के रिकॉर्ड को लिंक किया जा रहा है. अब रजिस्ट्री करते ही ऑनलाइन ही नामांतरण का आवेदन जनरेट हो जाएगा.
गौरतलब है कि राजस्व कोर्ट में तो सबसे ज्यादा मामले नामांतरण विवाद से ही जुड़े होते हैं. प्रदेश में सालाना दो लाख से ज्यादा रजिस्ट्रियां होती हैं. हालांकि बड़ा सवाल यह है कि जमीनों से संबंधित सारा काम राजस्व विभाग के अधीन है. एक मार्च से इस व्यवस्था का बैरसिया तहसील से पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर दिया गया है. इसमें अभी सिर्फ कृषि भूमि का नामांकरण हो रहा है.
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