एफपीआई अब सीधे शेयर बाजार में लगा रहे हैं पैसा
एफपीआई अब सीधे शेयर बाजार में लगा रहे हैं पैसा
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मुम्बई : फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स अर्थात एफपीआई अब पी नोट्स के बजाय शेयर बाजार में सीधे पैसा लगाना पसंद कर रहे हैं. दरअसल एफपीआई ने यह कदम पी नोट्स पर रेगुलेटरी सख्ती के चलते उठाया है.प्राइस वॉटर हाउस कूपर्स ने एफपीआई के बीच किये गए सर्वे से यह खुलासा हुआ.

इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून के बीच हुए सर्वे में अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और एशिया-पैसिफिक के 203 एफपीआई शामिल हुए. इसमें से 73 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि वे भारतीय शेयर बाजार में सीधे पैसा लगाना पसंद करेंगे ना कि पी-नोट्स के जरिये.

इस बारे में टैक्स और रेगुलेटरी सर्विसेज के पार्टनर सुरेश स्वामी ने बताया कि यह पी-नोट्स पर सख्ती का असर है. सेबी इस इनडायरेक्ट रूट से शेयर बाजार में विदेशी पैसा नहीं आने देना चाहता. ओडीआई या पी-नोट्स ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स होते हैं, जिनके जरिये बिना रजिस्ट्रेशन वाले विदेशी निवेशक शेयर बाजार में निवेश करते हैं. मई में सेबी ने पी-नोट्स के लिए डिस्क्लोजर रिक्वायरमेंट बढ़ाने वाले एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी. इसका मकसद पी-नोट्स के जरिये शेयर बाजार में आने वाले काले धन को रोकना था.

सेबी ने इस प्रस्ताव में कहा था कि एफपीआई को बताना होगा कि पी-नोट्स का वास्तविक लाभार्थी कौन है. सरकार ने मॉरीशस के साथ टैक्स ट्रीटी में भी बदलाव किया है. इसके बाद अगले साल 1 अप्रैल से मॉरीशस के रास्ते से शेयर बाजार में पैसा लगाने वालों को कैपिटल गेंस टैक्स देना होगा. केंद्र सरकार ने यह कदम टैक्स चोरी रोकने के लिए उठाया है. स्वामी का कहना है कि टैक्स ट्रीटी में बदलाव के चलते पी-नोट्स का आकर्षण कम हो जाएगा. जून तक पी नोट्स के जरिये एफपीआई का निवेश घटकर 8.8 फीसदी रह गया था, जो पिछले साल के इसी महीने में 11.5 फीसदी था. वहीं, जून 2007 में यह आंकड़ा 55.7 फीसदी तक पहुंच गया था.

वहीँ इंडिया टैक्स लीडर गौतम मेहरा ने बताया कि मॉरीशस ट्रीटी में संशोधन और जनरल एंटी-अवॉयडेंस रूल यानी गार के आगे चलकर लागू होनेके कारण एफपीआई के निवेश का तरीका बदला है. हालांकि, इसकी जानकारी उन्हें पहले से है. इसलिए भविष्य में इसका बहुत असर नहीं होगा अध्ययन में 67 फीसदी ने कहा कि इमर्जिंग मार्केट्स में भारत निवेश का आकर्षक स्थान है लेकिन उन लोगों ने भारत में ट्रेडिंग कॉस्ट अधिक होने को लेकर चिंता भी जाहिर की.

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