भारत के बाद अब अमेरिका भी चीनी एप्स को बैन करना का सोच रहा है. बीते कुछ दिनों पहले भारत ने टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाया था. भारत की इस कार्यवाही के बाद अमेरिका ने भी चीन झटका देना का प्लान बनाया है. अमेरिकी एजेंसियां ने टिकटॉक के खिलाफ बच्चों की निजता को असुरक्षित रखने का आरोप लगाया है. साल 2019 के एक समझौते पर खरा नहीं उतरने के आरोपों की जांच शुरू कर दी है.
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मैसाचुसेट्स के एक टेक पॉलिसी ग्रुप ने इस मामले पर रोशनी डाली है. बता दे कि अमेरिका के फेडरल ट्रेड कमिशन (एफटीसी) और अमेरिकी सरकार के विधि मंत्रालय ने मिलकर संयुक्त रूप से चर्चा की है. मई में सेंटर फॉर डिजिटल डेमॉक्रेसी, कैंपेन फॉर ए कमर्शियल-फ्री चाइल्डहुड और कुछ और समूहों ने एफटीसी से शिकायत की थी कि टिक टॉक ने फरवरी 2019 में एक समझौते के तहत उसके 13 साल और उससे कम उम्र के यूजर के वीडियो और उनकी व्यक्तिगत जानकारी को हटा देने का वादा किया था, लेकिन कंपनी ने ऐसा नहीं किया. उन्होंने टिक टॉक पर समझौते के उल्लंघन के कुछ और भी आरोप लगाए थे.
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इसके अलावा अपने बयान में टिकटॉक के एक प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी अपने सभी यूजर के लिए सुरक्षा को गंभीरता से लेती है. प्रवक्ता ने यह भी कहा कि अमेरिका में कंपनी 13 साल से कम के यूजर को सीमित रूप से ऐप से जोड़ती है जिसके तहत सुरक्षा और निजता के अतिरिक्त प्रावधान होते हैं जिन्हें विशेष रूप से छोटी उम्र के ऑडियंस के लिए ही बनाया गया है.
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