हरियाणा के अनुभवी आईएएस अफसर अशोक खेमका की याचिका पर पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को समन जारी कर जवाब तलब किया है. खेमका ने गुरूवार को याचिका दायर कर कहा कि उन्होंने 8 जून को आरटीआई दायर कर केंद्र सरकार से आईएएस अफसरों की सूची मांगी थी. इस सूची में इंपैनलमेंट गाइड लाइन के तहत छूट देते हुए, सचिव और अतिरिक्त सचिव के पैनल में सम्मिलित किया गया है. किन्तु केंद्रीय गवर्नमेंट ने लिस्ट देने से मना कर दिया.
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इसके पश्चात उन्होंने 9 जुलाई को एक और आरटीआई दाखिल कर उन आईएएस अफसरों के नामों की सूचना मांगी थी, जिनके नाम अप्रैल 2016 के पश्चात सचिव और अतिरिक्त सचिव के पैनल से बाहर किए गए. इसकी सूचना भी उन्हें नहीं दी गई. खेमका ने बताया है कि उन्हें कोई सूचना ही प्रदान नहीं की जा रही है, कि कैसे 2010 में उनको संयुक्त सचिव इंपैनल किए जाने और 2011 और 2012 की लिस्ट में उनका नाम होने के पश्चात नियुक्ति नहीं दी गई है.
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बता दे कि अब खेमका ने अदालत से निवेदन किया है, कि केंद्रीय गवर्नमेंट को इससे संबंधित पूरा रिकॉर्ड अदालत में पेश करने के निर्देश दिए जाएं. हाईकोर्ट ने इस याचिका पर केंद्र सरकार को समन जारी करते हुए, जवाब मांगा है. हरियाणा के प्रमुख सचिव अशोक खेमका ने कैट द्वारा 22 जुलाई के फैसले को उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर जो चुनौती दी थी.उसी याचिका में उन्होंने अब यह अर्जी दाखिल की है. कैट ने खेमका को केंद्र में अतिरिक्त सचिव के पद पर नियुक्ति से मना कर दिया था. इस फैसले के विरूध्द अशोक खेमका ने हाईकोर्ट की शरण ली थी. केस की सुनवाई अब 24 अगस्त को होगी.
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