गुड़गांव : साल 2015 भूकंप के नाम रहा और साल 2016 की शुरुआत में भी अब तक कई बार भूकंप के झटके महसूस किए जा चुके है। इसी बीच आई एसोचैम की रिपोर्ट आपको चौंका देगी। दरअसल एनसीआर में बनाई गई हाइ राइज बिल्डिंगे तय मानक के हिसाब से नहीं बनाए गए है, इसलिए ये भूकंप के झटके भी नहीं झेल सकते। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि कभी भूकंप या आगजनी होती है तो स्थिति बेकाबू हो सकती है।
एसोचैम के महसचिव डीएस रावत ने कहा कि स्टडी बताता है कि कुल हाइ राइज बिल्डिंगो में से केवल तीन चौथाई आवासीय क्षेत्र है, जो भूकंप के लिहाज से सुरक्षित नही है। गुड़गांव में एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होने कहा कि गगन चुंबी इमारतों के सर्वाधिक घऩत्व वाले तीन मेटो शहरों में से एनसीआर भूकंप से लिहाज से हाइ डैमेज रिस्क जोन में आता है। तेजी से होते शहरीकरण के कारण जमीन पर दबाव बढ़ा है।
इससे सुरक्षा की नई चिंताए और चुनौतियां सामने आई है। राष्ट्रीय उद्दोग परिषद् के अध्यक्ष पी के जैन ने कहा कि भारत में हा राइज बिल्डिंग का डिजाइऩ तैयार करने और उसके निर्माण के लिए मूलभूत निर्माण संहिता तक उपलब्ध नहीं है। 4 माले के बिल्डिंग में जिस बिल्डिंग कोड का इस्तेमाल किया जाता है उसका इस्तेमाल 40 माले की बिल्डिंग में नही किया जा सकता है। हम जापान से मदद ले सकते है।