हिन्दू धर्म में चार धामों की यात्रा का विशेष महत्व है इन चार धामों के विषय में कहा जाता है की जिस किसी व्यक्ति ने भी इन चार धामों की यात्रा को पूर्ण कर इनके दर्शन प्राप्त कर लिए उन्हें मरणोपरांत बैकुंठ धाम प्राप्त होता है इन्ही चार धामों में से एक है जगन्नाथपुरी जहां भगवान् विष्णु का विशाल मंदिर है इस मंदिर को वैष्णव समाज में मुख्य धाम माना जाता है यह मंदिर कई चमत्कारों के कारण बहुत ही प्रसिद्ध है आइये जानते है इस मंदिर के ऐसे कुछ चमत्कारी तथ्य.
मंदिर की ध्वाजा - सबसे पहले हम बात करते है इस मंदिर के गुम्बद की जिसपर लगा ध्वाज हवा के विपरीत बहाव की ओर लहराता है सामान्यतः सभी ध्वज हवा के बाहव की ओर ही उड़ते है इसके इसी अचंभित कर देने वाले कारण ने वैज्ञानिकों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है प्रतिदिन इस ध्वाजा को सीधा करने के लिए एक व्यक्ति को गुंबद के ऊपर चढ़ना पड़ता है.
मंदिर का प्रतिबिंब – दूसरी सोचने वाली बात यह है की संसार में कोई भी वास्तु चाहे वह सजीव हो या निर्जीव सभी की परछाई जरूर पड़ती है लेकिन इस 200 फिट ऊंचे और लग-भग 4 लाख स्क्वेर फिट में बने इस मंदिर की परछाई कहीं नहीं पड़ती. सातवीं सदी में बने इस मंदिर का निर्माण ही कुछ इस प्रकार किया गया है की आप इसकी परछाई को नहीं देख सकते.
वायु प्रवाह – सामान्यतः देखा जाए तो वायु प्रवाह समुद्र से धरती की तरफ होता है पर जगन्नाथपुरी में वायु प्रवाह नियम के विपरीत धरती से समुद्र की तरफ होता है जो वैज्ञानिकों को अपनी और आकर्षित करता है.
नील चक्र – जगन्नाथपुरी मंदिर के गुम्बद पर इसकी ध्वाजा के साथ लगे नीलचक्र को आप पुरी के किसी भी स्थान से देख सकते है जो की आठ प्रकार की पवित्र धातुओं से बना है.
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