लखनऊ : अदालती आदेशों की अवहेलना करना अंततः भारी ही पड़ता है. ऐसा ही कुछ यूपी के कैबिनेट मंत्री सूर्यप्रताप शाही के साथ हुआ. एक मुकदमे में 2007 से कोर्ट में हाज़िर नहीं होने वाले मंत्री के खिलाफ अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने मंगलवार को गैर जमानती वारंट और संपत्ति कुर्की के आदेश जारी किए हैं.
उल्लेखनीय है कि सूर्यप्रताप शाही के खिलाफ 1994 में कसया थाने में सरकारी कामकाज में बाधा उत्पन्न करने के दर्ज मुकदमे में पुलिस ने 2004 में आरोप पत्र दायर किया था.इसके बाद शाही ने कोर्ट से जमानत हासिल कर ली ,लेकिन 14 मई 2007 के बाद से वह मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट में हाजिर ही नहीं हुए. ग्यारह साल तक कोर्ट की अनदेखी करने पर कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया.
बता दें कि मंगलवार को हुई सुनवाई में एसीजेएम चंद्रमोहन चतुर्वेदी ने मंत्री के 11 वर्षों से पत्रावली में गैरहाजिर रहने के मामले में गैर जमानती वारंट जारी करने के साथ ही अदालत ने कसया एओ को उनकी संपत्ति कुर्क कर रिपोर्ट पेश करने के भी निर्देश दिए हैं. अदालती सख्ती के बाद अब मंत्री कोर्ट में हाजिर हो जाएंगे.
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