नई दिल्ली: नोबेल पुरस्कार प्राप्त अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि भारतीयों ने असमानता और अन्याय पर आवश्यकता से अधिक धैर्य दिखाने के कारण काफी कुछ सहन किया है. उन्होंने भारतीयों को इसके बजाए अधीर बनने की हिदायत दी है. सेन ने कहा है कि वे अब किसी भी शख्स को धैर्य रखने की सलाह नहीं देंगे.
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उन्होंने प्रेस वालों से कहा है कि उन्हें लगता है कि अधीरता वह अहम् चीज है जो अब हमें अपने अंदर लानी होगी, क्योंकि भारत ने आवश्यकता से अधिक धैर्य रखने के कारण काफी कुछ सहा है. सेन ने ये बयान उस समय दिया जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वे अभिनेता नसीरूद्दीन शाह को लोकसभा चुनाव समाप्त होने तक धैर्य रखने की हिदायत देंगे. उल्लेखनीय है कि शाह ने हाल ही में भीड़ हिंसा पर अपने एक बयान से विवाद खड़ा कर दिया था.
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उन्होंने नासिर के बयान का समर्थन करते हुए कहा है कि हमें अभिनता को परेशान करने वालों के खिलाफ आवाज़ उठानी चाहिए, क्योंकि देश में जो भी हो रहा है वो आपत्तिजनक और रोकने योग्य है. सेन ने मीडिया को लेकर कहा कि वे इस बात को लेकर बेहद प्रसन्न हैं कि मीडिया असहिष्णुता के मामले को पहले की तुलना में कहीं ज्यादा निर्भीकता से उठा रही है. उन्होंने कहा कि वे नालंदा विश्वविद्यालय का नाम बदले जाने का भी आग्रह करेंगे. बता दें सेन वहां के चांसलर रह चुके हैं.
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