दलाई लामा के बयान पर न हो राजनीती
दलाई लामा के बयान पर न हो राजनीती
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धर्मशाला : तिब्बतन धर्मगुरु दलाई लामा के बिहार वाले बयान पर राजनीति गरमा गई है। भारत तिब्बत सहयोग मंच के अध्यक्ष एवं केंद्रीय विश्र्वविद्यालय हिमाचल प्रदेश के कुलपति डॉ. कुलदीप चंद अग्निहोत्री ने कहा है कि दलाई लामा द्वारा बिहार चुनाव के संबंध में कही गई बात को अन्यथा नहीं लेना चाहिए। उन्होंने यह बात एक बड़े परिप्रेक्ष्य में कही है। भारत में लोकतंत्र की परिपाटी रही है स्वतंत्र विचारों की अभिव्यक्ति। यही भारत के लोकतंत्र की मूल ताकत है।

उनके एक संत के नाते अगर कोई ऐसा भाव हो तो उसे अन्यथा नहीं लेना चाहिए, क्योंकि चुनाव परिणाम कुछ भी हों लेकिन यह परिणाम लोकतंत्र की मजबूती के संकेत देते हैं। यह पहला मौका है जब दलाई लामा के बयान पर राजनीति गरमाई है। दलाई लामा ने कहा था कि बिहार चुनाव का परिणाम संकेत है कि अब भी कई हिंदू ऐसे है जो शांति पसंद करते है। इस बयान पर बीजेपी प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।

दूसरी ओर, शिमला में बुद्धिस्ट लर्निंग एंड प्रीजरवेशन सोसायटी के मुख्य संरक्षक व राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के उपाध्यक्ष रवि ठाकुर ने कहा कि धर्मगुरु दलाई लामा के बयान को तोड़मरोड़ कर पेश किया गया है। वे सिर्फ शांति की बात कर रहे हैं। सोमवार को पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि दलाई लामा अवलोकी हितेश्र्वर के 14वें अवतार माने जाते हैं। दलाईलामा तो भारत को अपना गुरु मानते हैं। उनके बयान पर राजनीति होना अच्छी बात नही है।

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