चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर देश फ्रीडम ऑफ स्पीच जैसा एक्सपेरिमेंट नहीं करेगा : SC
चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर देश फ्रीडम ऑफ स्पीच जैसा एक्सपेरिमेंट नहीं करेगा : SC
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नई दिल्ली : शुक्रवार को चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट को सरकार ने भरोसा दिलाया कि वो जल्द ही एक स्कीम कोर्ट के समक्ष पेश करेगी, जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी वाली वेबसाइट को बैन करने के प्रावधानों का उल्लेख होगा। सर्वोच्च न्यायलय ने भी इस मसले पर आक्रामक रुख अपनाते हुए कहा कि बच्चों को चाइल्ड पोर्नोग्राफी के दर्द से रोकना बेहद जरुरी है। कोर्ट ने दो टूक शब्दों में साफ किया कि देश इस मामले में फ्रीडम ऑफ स्पीच जैसा कोई भी एक्सपेरिमेंट नहीं करेगा। कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि केंद्र इस मामले में अगली सुनवाई में एक एफिडेविट फाइल करे।

मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी। पिछले साल अगस्त में भारत सरकार ने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर को 857 पोर्न कंटेंट वाली साइटों की लिस्ट सौंपी थी। सरकार ने इस पर रोक लगाने को कहा, तो कई आम और खास लोग इसका विरोध करने लगे। आखिरकार सरकार को फैसला वापस लेना पड़ा।

2014 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पोर्न वेबसाइटें बच्चों को पोर्नोग्राफी की ओर धकेल रही है, इन पर लगाम लगाने की आवश्यकता है। तब सरकार की ओर से कहा गया था कि ऐसी वेबसाइटों के सर्वर विदेशों में होने की वजह से वो इन्हें कंट्रोल नहीं किया जा सकता। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने पूछा अगर विदेशों में ऐसी साइटों पर रोक लग सकती है तो भारत में क्यों नहीं?

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