Sep 03 2015 11:23 AM
वाशिंगटन : विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) पर इस साल एक अप्रैल से पहले के मामलों में न्यूनतम वैकल्पिक कर (एमएटी) नहीं लगाने की एक सिफारिश को सरकार द्वारा स्वीकार किए जाने का अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी) ने स्वागत किया है। भारतीय और अमेरिकी कंपनियों के इस प्रतिनिधि संगठन ने कहा, "परिषद इस फैसले पर पहुंचने के लिए वित्तमंत्री अरुण जेटली, न्यायमूर्ति ए.पी. शाह और उनकी टीम की सराहना करता है।"
यूएसआईबीसी अध्यक्ष मुकेश अघी ने कहा, "इस घोषणा से दीर्घकालीन विदेशी पूंजी निवेश आकर्षित करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का पता चलता है।" संगठन ने कहा कि इस फैसले से एफआईआई के लिए कर अनिश्चितता समाप्त होगी और भारत में निवेश बढ़ेगा। यूएसआईबीसी ने कहा कि वह आम बजट में की गई कई घोषणाओं, प्रकाशित दिशानिर्देश का पालन करने वाली सरल कर ढांचा, अदालत द्वारा पहले दिए गए फैसलों का सम्मान करने और बिना आय लक्ष्यों को ध्यान में रखते हुए की जाने वाली ऑडिट जांच जैसे कदमों का स्वागत करता है।
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