नई दिल्ली : भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी की सज़ा नहीं हो पाएगी। हाल ही में सर्वोच्च न्यायालय ने इस संबंध में निर्णय दिया है। मामले में न्यायालय द्वारा आदेश दिया गया है कि भूतपूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी की सज़ा नहीं दी जा सकेगी। दरअसल न्यायाधीशों का कहना था कि यह आदेश पूर्व के आदेशों को देखकर नहीं आंकलित किए जा सकते हैं।
मिली जानकारी के अनुसार पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू जस्टिस इब्राहिम कालिफुल्ला पिंकी घोष एएस सेपरे और यूयू ललित की संवैधानिक पीठ द्वारा मामले में आदेश दिया गया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी के हत्यारों में शामिल मरूगन पेरारीवलन और संथन को तमिलनाडु सरकार ने समय से पहले ही रिहा करने का आदेश दिया था जबकि इस मामले में तत्कालीन केंद्र सरकार ने याचिका दायर कर तमिलनाडु सरकार के फैसले को चुनौति दी थी। मामले में यह बात सामने आई है कि 21 मई 1991 को तमिलनाडु के पैरंबदूर में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या एक रैली के दौरान मानव बम से कर दी गई थी।
मामले में करीब 26 दोषियों को सजा सुनाई गई थी।जिसमें मुरूगन और पेरारिवलन द्वारा राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका भेजी गई थी जिसे नकार दिया गया था। इसके बाद मद्रास हाईकोर्ट ने आरोपियों की फांसी की सज़ा पर रोक लगा दी थी।