व्यापमं घोटाला : तीन दिन में 3 मौतें, राजनाथ का सीबीआई जांच से इंकार
व्यापमं घोटाला : तीन दिन में 3 मौतें, राजनाथ का सीबीआई जांच से इंकार
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भोपाल : व्यापमं घोटाले में तीन दिनों में तीन जानें गई हैं लेकिन केंद्र सरकार से लेकर प्रदेश सरकार ने विपक्ष की सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया। प्रदेश के सागर जिले में सोमवार तड़के एक प्रशिक्षु महिला उप-निरीक्षक मृत मिली। वह व्यापमं द्वारा उप-निरीक्षक के लिए चयनित हुई थीं। इस भर्ती घोटाले से जुड़े मृतकों की बढ़ती संख्या पर कांग्रेस, आप (आम आदमी पार्टी) और माकपा (मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) ने मध्य प्रदेश और केंद्र सरकार दोनों पर हमला किया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हालांकि जोर देते हुए कहा कि हर मौत को व्यापमं से नहीं जोड़ा जा सकता। प्रशिक्षु उप-निरीक्षक अनामिका कुशवाहा की मौत के मामले को भी व्यापमं से जोड़कर देखा जा रहा है। बीते तीन दिनों में वह इस घोटाले की तीसरी शिकार बताई जा रही हैं।

वह मध्य प्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के द्वारा उप-निरीक्षक के लिए चयनित हुई थीं। सागर के पुलिस प्रशिक्षण केंद्र के पास स्थित एक तालाब में उनका शव मिला। सागर के पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर ने हालांकि उनकी मौत का संबंध व्यापमं से होने की बात को खारिज किया। नेताजी सुभाष चंद्र मेडिकल कॉलेज, जबलपुर के डीन अरुण शर्मा रविवार को दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा के पास स्थित एक होटल में मृत अवस्था में मिले थे। शर्मा इस मामले की जांच से जुड़े हुए थे। इससे एक दिन पहले एक समाचार चैनल के पत्रकार अक्षय सिंह की मध्य प्रदेश के झाबुआ में मौत हो गई थी। मौत के कुछ समय पहले ही उन्होंने घोटाले की एक आरोपी के परिवार का साक्षात्कार लिया था। मुख्यमंत्री शिवराज चौहान पर विपक्ष इस्तीफा देने का दबाव बना रहा है।

यद्यपि मुख्यमंत्री ने कहा, "हर मौत दुखद है, लेकिन हर मौत को व्यापमं के जोड़ना उचित नहीं है।" 2013 के बाद से इस घोटाले से जुड़े 40 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से किसी की मौत आत्महत्या के कारण हुई है तो किसी ने संदिग्ध परिस्थितियों में दम तोड़ दिया। इस प्रवेश और भर्ती रैकेट में राजनेता, अधिकारियों और व्यापारी शामिल हैं। कांग्रेस ने सोमवार को इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय की निगरानी में मामले की सीबीआई जांच की मांग की। पार्टी ने साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का भी इस्तीफा मांगा। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, "मुख्यमंत्री व्यापमं घोटाले के सरगना हैं। इससे जुड़ी किसी भी तरह की जांच में उनसे अच्छी तरह से पूछताछ करने की जरूरत है।"

उन्होंने कहा, "यह तभी संभव है, जब वह मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दें। इसलिए कांग्रेस यह मांग करती है कि वह तत्काल अपने पद से इस्तीफा दें और एक स्वतंत्र जांच के लिए खुद को प्रस्तुत करें।" केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने हालांकि कहा कि इस मामले की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में विशेष जांच दल (एसआईटी) कर रहा है, इसीलिए सीबीआई से इसकी जांच कराने की कोई आवश्यकता नहीं है। राजनाथ ने झाबुआ में कहा, "एसआईटी सरकार के अंतर्गत काम नहीं कर रही है, बल्कि उच्च न्यायालय की निगरानी में काम कर रही है।" दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अब इस घोटाले पर और चुप नहीं रहना चाहिए।

उन्होंने ट्वीट कर कहा, "लोग चाहते हैं कि प्रधानमंत्री बोलें और व्यापमं में हस्तक्षेप करें। प्रधानमंत्री को अब चुप नहीं रहना चाहिए।" भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी शवों पर राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा, "कांग्रेस शवों पर राजनीति कर रही है। उन्हें शवों पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।" भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कांग्रेस से कहा कि वह न्यायपालिका पर भरोसा रखे। वहीं आप के एक अन्य नेता कुमार विश्वास ने इस मामले पर सर्वोच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की है।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "मैंने सर्वोच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है जिसमें उससे आग्रह किया है कि वह तुरंत व्यापमं मामले की जांच कराए।" माकपा नेता बृंदा करात ने आरोप लगाते हुए कहा कि एसआईटी चौहान को बचा रही है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का भरोसा नहीं है कि मध्य प्रदेश में मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि यह सरकार का कर्तव्य है कि वह सभी संदेहों को दूर करे। उन्होंने कहा, "संदेह का माहौल पैदा किया गया है।"

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