एक पूरा दिन बिना ब्रा पहने रहे
एक पूरा दिन बिना ब्रा पहने रहे
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फेसबुक पर महिला इन दिनों एक दुसरे को 13 अक्टूबर को 24 घंटो के लिया ब्रा नहीं पहनने की हिदायत देते हुए दिखाई दे रही है, ये आयोजन स्तन कैंसर की जागरूकता फैलाने के लिए है, हर वर्ष 13 अक्टूबर को यह दिन मनाया जाता है, फेसबुक पर महिला "नो ब्रा डे" सम्बंधित पेजो पर एक दूसरे से खुलकर बात करती हुई दिखाई दे रही है, भारत में ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्तन कैंसर के मामले बढ़ते दिखाई दे रहे है, एक रिपोर्ट के मुताबिक 2012 से 2030 तक भारत को ब्रेस्ट कैंसर पर 20 अरब डॉलर खर्च करने की जरूरत है. हर साल केवल भारत में स्तन कैंसर के 1.3 लाख नए मामले सामने आते हैं. एक दशक पहले तक यह आंकड़ा 54,000 था, महिलाओ में शर्म और जागरूकता और न होने के कारण यहाँ मामले सही समय पर सामने नहीं आ पाते .   

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार स्तन कैंसर का मुख्य कारण है - बच्चे नहीं पैदा करना, काफी उम्र में बच्चे पैदा करना, स्तनपान नहीं कराना, वजन में अत्यधिक वृद्धि और अक्सर शराब का सेवन करना, इस तरह के कैंसर के इलाज में स्तन को हटा दिया जाता है, जिसे मैस्टेकटोमी कहते है, स्तन अद्भुत होते हैं... हम सभी ऐसा सोचते हैं. इसे अभिव्यक्त करने का इससे अच्छा तरीका भला क्या हो सकता है कि एक पूरा दिन स्तनों को स्वतंत्र छोड़ दिया जाए - बिना ब्रा पहने, एक पूर्व कैंसर पीड़ित महिला जिनकी मैस्टेकटोमी हुई है, अपनी भावनाओ को व्यक्त करते हुए लिखती है, "स्तन मातृत्व को दर्शाने की सबसे लोकप्रिय छवि भी यही है... जब एक बच्चा अपने मां के स्तन से दूध पीता है. यह ऐसा भाग है, जिसके बिना हमारा स्त्री होना अधूरा है. नाकाफी है. नीरस है ".

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