स्वर्ण मुकुट पहनने वाले नित्यानंद के पास नहीं थे मजदूरों का भुगतान करने के पैसे

उज्जैन : सिंहस्थ 2016 समाप्त हो गया है। कई साधु - संत अपना - अपना हिसाब किताब करके अपने गंतव्य की ओर जा चुके हैं। मगर अब सेक्स स्कैंडल के आरोपी और इस तरह की चर्चाओं में रहने वाले स्वामी नित्यानंद उज्जैन के डिफॉल्टर माने जा रहे हैं। दरअसल नित्यानंद पर आरोप है कि उन्होंने सिंहस्थ कार्य में लगे ठेकेदारों, कारोबारियों और मजदूरों का बिल भी नहीं चुकाया है और वे वहां से जा चुके हैं। उन्हें लाखों की चपत लगा दी गई है। मेला अधिकारियों से इसकी शिकायत की गई तो अधिकारियों ने इन सभी को पुलिस में शिकायत करने की सलाह दी है।

मिली जानकारी के अनुसार नित्यानंद स्वामी सिंहस्थ में विवाद और अपने भव्य पांडाल के ही साथ सोने चांदी की मूर्तियों और सोने - चांदी के मुकुटों को लेकर जाने जा रहे थे। मगर अब यह जानकारी सामने आ रही है कि उन्होंने सिंहस्थ में उनके टेंट और पांडाल की व्यवस्था करने वाले टेंट व्यवायी, विद्युत ठकेदार, डेकोरेटर और सप्लायर का भुगतान तक नहीं किया है। वे जब नित्यानंद के आश्रम में पहुंचे तो उन्हें हिसाब की जांच करने की बात कही गई।

जब वे अपना भुगतान लेने के लिए हिसाब लगाकर पहुंचे तो उन्हें दो दिन ठहरने के लिए कहा गया। जब वे लोग वहां पहुंचे तो उन्हें 10 प्रतिशत या 20 प्रतिशत राशि देकर वापस कर दिया गया। जिसके बाद वे जब तीसरी बार पहुंचे तो उन्हें स्पष्टतौर पर कहा गया कि उनका भुगतान ऑडिट होने के बाद कर दिया जाएगा। मगर इसके पूर्व उनका भुगतान नहीं किया जा सकता है। बाद में उन्हें नित्यानंद के मैनेजर ने भी भगा दिया। अब वे मेला अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं।

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