बिहार : चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में बनी नीतीश की सरकार
बिहार : चुनाव पूर्व सर्वेक्षण में बनी नीतीश की सरकार
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नई दिल्ली : बिहार में चुनाव के पहले किये गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक, बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले महागठबंधन की जीत का अनुमान लगाया जा रहा है। इसके विपरीत एक अन्य सर्वेक्षण में त्रिशंकु सरकार के आसार बताए गए हैं। इसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को 119 सीटें, जबकि महागठबंधन को 116 सीटें मिलने का दावा किया जा रहा है।

CNN IBN/IBN 7-एक्सिस सर्वेक्षण के अनुसार, जनता दल (युनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) तथा कांग्रेस के महागठबंधन को 137 सीटें मिलने का अनुमान है। भाजपा नेतृत्व वाले गठबंधन को 95 सीटों के साथ 38 फीसदी मत मिलने की संभावना है। वहीं महागठबंधन को 46 फीसदी मत मिल सकते हैं। कहा गया है कि राजग के मुख्य घटक भाजपा को 82 सीटें मिल सकती हैं। इसके सहयोगी राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को केवल दो सीटों से संतोष करना पड़ सकता है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को आठ सीटें और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक समता पार्टी (रालोसपा) को तीन सीटें मिलने का अनुमान है।

नीतीश कुमार के जद (यू) 69 सीटें जीत सकती हैं, जबकि लालू प्रसाद के राजद को 48 व कांग्रेस को 20 सीटें मिल सकती हैं। यह सर्वेक्षण तीन सितंबर से चार अक्टूबर के बीच किया गया, जिसमें 24 हजार से अधिक लोगों को शामिल किया गया। सर्वेक्षण 38 जिलों व 243 निर्वाचन क्षेत्रों में किया गया। सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 50 फीसदी लोग 18-35 वर्ष आयुवर्ग, 32 फीसदी 36-50 वर्ष आयुवर्ग, जबकि बाकी के लोगों की आयु 50 वर्ष से अधिक थी। सर्वेक्षण रिपोर्ट में एक तरह का विरोधाभास भी है कि 33 फीसदी यादव व 28 फीसदी मुसलमान राजद या जद (यू) को छोड़कर राजग या अन्य का समर्थन कर सकते हैं।

महागठबंधन को राजग की तुलना में युवाओं (18-35 वर्ष) के अधिक मत मिलने का अनुमान है। 40 फीसदी से अधिक लोगों को लगता है कि लालू प्रसाद के साथ गठबंधन से नीतीश कुमार को चुनाव में फायदा हो सकता है। चुनाव का मुख्य मुद्दा विकास होगा। अन्य मुद्दों में महंगाई, बिजली-पानी-सड़क भी हैं। 45 फीसदी लोगों का मानना है कि नीतीश सरकार ने आशा के अनुकूल कार्य किया, जबकि 17 फीसदी के मुताबिक उन्होंने आशा से अधिक काम किया। सर्वेक्षण में 45 फीसदी लोगों ने कहा कि नीतीश कुमार के शासनकाल में भ्रष्टाचार पर कोई नियंत्रण नहीं रहा। नीतीश कुमार के विकास मॉडल को 52 फीसदी लोगों का साथ मिला, जबकि केंद्र सरकार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकास मॉडल को 48 फीसदी लोगों का साथ मिला।

इंडिया टीवी-सी वोटर चुनाव पूर्व सर्वेक्षण के मुताबिक, राजग 119 सीटें जीत सकता है, जो बिहार विधानसभा में बहुमत के आंकड़े से महज तीन सीटें दूर है, जबकि महागठबंधन को 116 सीटें मिलेंगी। बाकी आठ सीटें अन्य को जाने का अनुमान है। राजग को 43 फीसदी मत मिल सकते हैं, जबकि महागठबंधन को 41 फीसदी। सी-वोटर सर्वेक्षण के लिए सभी 243 निर्वाचन क्षेत्रों में 9,916 लोगों के साथ बातचीत की गई। उल्लेखनीय है कि साल 2010 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा-जद (यू) गठबंधन ने 206 सीटें जीती थी, जबकि राजद व लोजपा गठबंधन को मात्र 25 सीटों से संतोष करना पड़ा था। साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव मे राजग ने 174 विधानसभा क्षेत्रों में जीत दर्ज की।

मतदाताओं से यह पूछे जाने पर कि राज्य का सबसे बड़ा मुद्दा क्या है, 17.9 फीसदी ने बेरोजगारी, 12.7 फीसदी ने बिजली में कटौती, जबकि 25 फीसदी लोगों ने 'कह नहीं सकते' में जवाब दिया। मतदाताओं से यह पूछे जाने पर कि कौन सी पार्टी समस्या के बेहतर समाधान में सक्षम होगी, 44.7 फीसदी ने राजग, जबकि 38.6 फीसदी ने महागठबंधन पर भरोसा जताया। जातिगत सामाजिक समूहों में से 44 फीसदी दलितों, 41 फीसदी महादलितों, 50 फीसदी एमबीसी (सबसे पिछड़ी जाति), 29 फीसदी अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) और 70 फीसदी अगड़ी जातियों ने राजग का समर्थन किया। जबकि अन्य 28 फीसदी दलितों, 33 फीसदी महादलितों, 31 फीसदी एमबीसी, 59 फीसदी ओबीसी तथा 15 फीसदी अगड़ी जातियों ने महागठबंधन का समर्थन किया।

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