नीतीश कुमार ने दिए पार्टी छोड़ने के संकेत, इस नेता ने दिया बड़ा बयान
नीतीश कुमार ने दिए पार्टी छोड़ने के संकेत, इस नेता ने दिया बड़ा बयान
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पटना: जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा के इल्जामों पर अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुलकर हमलावर हो गए हैं। बुधवार को उन्होंने कुशवाहा के आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा- हमारी पार्टी कमजोर नहीं हुई है। ये झूठे आरोप हैं। लोगों को जो कहना है, कहने दो। हमारी पार्टी का कोई भी व्यक्ति किसी अन्य पार्टी के संपर्क में नहीं है। उन्होंने कहा- मैंने किसी को नहीं रोका। नेता अपनी इच्छा से आ और जा सकते हैं। 

इसके साथ ही उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, राजनीतिक तौर पर जब जब नीतीश कुमार कमजोर हुए हैं, हमने उनको सहयोग करने का काम किया। इतना ही नहीं उन्होंने कहा, आज कुछ लोग उपेंद्र कुशवाहा को गाली दे रहे हैं, किन्तु इससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। उन्होंने राजद पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग नीतीश कुमार को कमजोर करने का षड्यंत्र रच रहे हैं। इससे पहले नीतीश कुमार से जब उपेंद्र कुशवाहा को लेकर सवाल किया था, तो उन्होंने कहा कि हम से कुछ मत पूछिए। छोड़ दीजिए उनको। जो उनके मन में आए वह बोलते रहें। उनको बोलने के लिए छोड़ दीजिए। उनकी बात पर हमारी पार्टी का कोई भी आदमी कुछ नहीं बोलेगा। 

वही इससे पहले नीतीश कुमार ने कहा कि उपेंद्र कुशवाहा जो कुछ कह रहे हैं, उनसे ही पूछा जाना चाहिए। इससे पहले नीतीश ने कहा था कि वह तो दो-तीन बार पार्टी छोड़कर गए थे और फिर स्वयं वापस आए हैं। वे यह भी कह रहे कि उपेंद्र कुशवाहा की क्या इच्छा है, यह उनको नहीं मालूम है। उपेंद्र कुशवाहा की भाजपा में सम्मिलित होने की अटकलें तेज हो गई हैं। बीते सप्ताह जब उपेंद्र कुशवाहा दिल्ली के एम्स में रुटीन चेकअप के लिए भर्ती हुए थे, तब उनसे मुलाकात करने बिहार भाजपा के तीन नेता पहुंचे थे, जिनमें 2 पूर्व MLA संजय टाइगर एवं प्रेम रंजन पटेल सम्मिलित थे। इस बारे में जब कुशवाहा से पूछा गया था तो उन्होंने कहा कि भाजपा के किसी नेता के साथ मुलाकात का यह अर्थ निकालना कि हम भाजपा के संपर्क में है, ये गलत है। संपर्क की बात इस अर्थ में की जा रही है कि भाजपा के नेताओं से हमारी पार्टी का जो जितना बड़ा नेता है, वह उतना ही अधिक संपर्क में है। उपेंद्र कुशवाहा ने कहा था कि हमारी पार्टी जदयू दो-तीन बार भाजपा के संपर्क में गई और फिर संपर्क से बाहर हो गई। पार्टी अपनी रणनीति के हिसाब से जो आवश्यक होता है, वह करती है। उन्होंने कहा था कि मेरे बारे में ऐसी चर्चा करने का कोई मतलब है क्या? मैं जदयू में रहूंगा कि नहीं यह मेरे अतिरिक्त और कौन तय कर सकता है?

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