पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनावी आचार संहिता लागू होने के पहले केंद्र सरकार से बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि बिहार के साथ केंद्र सरकार भेदभाव कर रही है। यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1.25 लाख करोड़ के पैकेज और 14 वें वित्त आयोग में बिहार की भागीदारी पर कमी किए जाने पर भी सवाल किया गया है। हाल ही में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वित्तमंत्री अरूण जेटली को पत्र लिखा और बिहार को राहत पैकेज कम दिए जाने का हवाला दिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जाए। यही नहीं यह भी कहा गया कि सरकार बिहार को झारखंड बंटवारे के दौरान गठित किए गए बिहार पुर्नगठन विधेयक 2000 के अंतर्गत बचे विशेष पैकेज को ही दे देती।
सभी पार्टियों के साथ बैठक कर केंद्र सरकार को पत्र सौंपा जा चुका है लेकिन बिहार को इस आधार पर पैकेज देने की बात पर भाजपा समर्थन में नहीं थी। उन्होंने कहा कि राज्य में कई ऐसी योजनाऐं हैं जिसे पूरा करने के लिए 8282 करोड़ रूपए की आवश्यकता है। इसकी घोषणा पहले ही की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने बिहार के हक को ही मार दिया है। केंद्रीय पुल से बिहार को टैक्स वसूली से जो हिस्सेदारी मिलना चाहिए वही देने का प्रसास किया जाए तो बेहतर बात होगी लेकिन केंद्र सरकार यह भी नहीं कर रही है।