लखनऊ : रविवार को बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने उत्तर प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव को ही शराब बंदी पर नसीहत दे डाली। शराब बंदी को जड़ से उखाड़ फेंकने की मुहिम में शामिल नीतीश ने अखिलेश से कहा कि घबराइए नहीं अखिलेश जी, आगे बढ़िए और आप भी यूपी में शराब बंदी लागू कीजिए।
नीतीश रविवार को यहां रवींद्रालय में किसान मंच की ओर से आयोजित नशाबंदी सम्मेलन में बोल रहे थे। उन्होंने यहां शराबबंदी न होने पर अखिलेश सरकार पर तंज कसा। उन्होने पीएम नरेंद्र मोदी को भी चुनौती देते हुए कहा कि वो बीजेपी शासित सभी राज्यो में शराब पर प्रतिबंध लगाए।
आगे उन्होने सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव पर परोक्ष रुप से कमेंट करते हुए कहा कि लोहिया का नाम लेने वाले काम भी करें। नीतीश ने कहा कि बिहार में शराब बंदी के बाद झारखंड और यूपी को खत लिखकर अनुरोध किया गया कि राज्य की सीमा में सतर्कता बरती जाए, ताकि अवैध रुप से शराब बिहार में न पहुंचे।
लेकिन उन्होने इसका कोई जवाब नहीं दिया। आगे नीतीश ने कहा कि एक सभा के दौरान एक महिला ने उनसे शराब बंदी की अपील की थी। तभी उन्होने वादा किया था। लेकिन पहले सिर्फ देशी शराब पर बैन लगाने वाले थे। पिर हमने देखा कि शहरों में महिलाएं विदेशी शराब के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है।
इसी कारण हमने पूर्ण शराब बंदी का फैसला लिया। जिसके कारण पीने वालों को काफी परेशानी हुई। लेकिन अब सब शांत और शुद्ध हो गया है। हमने जहरीली शराब बनानेवालों, वितरकों और बेचने वालों के लिए मौत की सजा का प्रावधान रखा है।
दरअसल नीतीश को डर है कि बिहार से सटे 5 किमी तक के दायरे में जिसमें यूपी व झारखंड भी आते है, से शराब बिहार की सीमा में आ सकता है। उन्होने कहा कि सीमावर्ती इलाके में शराब की कई दुकानें खुल गई है और साथ में खाट का भी इंतजाम किया गया है।
ताकि शराब पीने के बाद शराबी बिहार में प्रवेश न करेंऔर उन पर कार्रवाई न हो। यूपी शराब पर बैन क्यों नहीं लगा रहा। सपा ने नीतीश पर आरोप लगाया कि वह यूपी पर नाकारात्मक टिप्पणी कर रहे है। सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा कि सपा के खिलाफ टिप्पणी करके सांप्रदायिक ताकतों को मजबूती दे रहे है।
चौधरी ने कहा कि नीतीश प्रतिबंध की बात तो कर रहे है, लेकिन विकास के मुद्दे पर वो एक भी शब्द नहीं बोल रहे है। दूसरी ओर आलमबाग के पास लखनऊ शराब एसोसिएशन के कार्यकर्ताओं ने नीतीश के खिलाफ नारे बाजी की और उन्हें काले जंडे दिखाए। शराब कारोबारी शराबबंदी अभियान का विरोध कर रहे थे।