नई दिल्ली: भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए बिहार की नीतीश सरकार ने 85 पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है, जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार में संलिप्त होने को लेकर विभागीय कार्रवाई जारी थी. इसको लेकर नीतीश कुमार सरकार ने एक से सरकारी अधिसूचना भी जारी कर दी है.
नितीश सरकार की इस अधिसूचना में बताया गया है कि किस तरीके से 85 पुलिसकर्मी जो शराब बंदी कानून के उल्लंघन, बालू खनन में भ्रष्टाचार और भूमि विवाद में उगाही को लेकर प्रमाण मिले थे, जिसके आधार पर इन सभी को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. नीतीश सरकार ने 644 अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की है, जिनके खिलाफ सेवा में लापरवाही बरतने के आरोप लगे थे. अधिसूचना में राज्य सरकार ने कहा कि, 'बिहार सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाते हुए नवंबर तक मद्य निषेध अधिनियम के क्रियान्वयन में कोताही, बालू के अवैध खनन और परिवहन में संलिप्तता, भूमि संबंधी मामले और भ्रष्टाचार के मामलों में लापरवाही के मामलों में 644 पदाधिकारियों के विरुद्ध अनुशासनिक कार्रवाई की गई है.'
सरकार ने जिन गैजेटेड पदाधिकारियों के खिलाफ अनुशासनिक कार्यवाही और विभागीय कार्यवाही आरंभ की है, उसकी कुल तादाद 38 है जिसमें से 2 IPS अधिकारी भी शामिल हैं. अधिसूचना में बतया गया है कि इन 2 आईपीएस अधिकारियों को विभागीय कार्रवाई में बड़ी सजा दी गई है.
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