पटना: बिहार में लगातार बढ़ रही आपराधिक घटनाओं के बीच सीएम नीतीश कुमार ने राज्य की प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर बड़ा फैसला लिया है. नीतीश सरकार ने बिहार पुलिस में सिपाही और दारोगा पदों के लिए ट्रांसजेंडर की सीधी भर्ती को हरी झंडी दे दी है. इस बाबत राज्य सरकार ने संकल्प भी जारी कर दिया है. बता दें कि यह पहला ऐसा अवसर होगा जब ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों को किसी सरकारी नौकरी में सीधे नियुक्ति मिलेगी.
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, सिपाही संवर्ग के लिए नियुक्ति का अधिकार, पुलिस अधीक्षक के पास, जबकि दारोगा पद के लिए नियुक्ति का अधिकार पुलिस उपमहानिरीक्षक स्तर के पदाधिकारी के पास होगा. बता दें कि ट्रांसजेंडर्स की नियुक्ति के लिए शैक्षणिक योग्यता अन्य अभ्यर्थियों के मुताबिक ही होगी. वहीं, नौकरी को पाने के लिए उनका बिहार प्रदेश का मूल निवासी होना अनिवार्य होगा.
संकल्प के अनुसार, सिपाही और दारोगा के पद पर भविष्य में होने वाली नियुक्ति में किन्नरों के लिए पद आरक्षित होंगे. दोनों ही रैंक में हर 500 पद का एक पद ट्रांसजेंडर के लिए होगा. बाकी अभ्यर्थियों के समान ही इन्हें भी लिखित और शारीरिक परीक्षा देनी होगी. किन्नरों के लिए फिजिकल परीक्षा के मापदंड महिलाओं वाले होंगे. बहाली के लिए इनकी न्यूनतम उम्र सीमा विज्ञापन के मुताबिक होगी. अधिकतम उम्र सीमा में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कोटि के अनुसार रियायत मिलेगी.
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