नई दिल्ली : सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री की अध्यक्षता में हुई एक अंतर मंत्रालयी बैठक में यह निर्णय लिया गया कि बीएस-5 को पीचे छोड़ते हुए बीएस-6 वाहन उत्सर्जन नियम को लागू किया जाए। यह नियम 1 अप्रैल 2020 से लागू हो सकता है। बीएस-6 बीएस-5 से कहीं ज्यादा सख्त नियम है। इस बैठक में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, भारी उद्योग मंत्री अनंत गीते और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी शामिल थे।
बैठक के बाद गडकरी ने बताया कि हमने बीएस-5 नियमों को छोड़ने का फैसला किया है। हांला कि यह एक बड़ा फैसला है और पर्यावरण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि अन्य सभी मंत्रालयों ने इसका क्रियान्वयन सफल बनाने के लिए सहयोग का आश्वासन दिया है। दिसंबर के अंत में पेट्रोलियम मंत्री ने कहा था कि भारत यूरो-6 वाले नियमों के अनुपालन वाले ईंधन का प्रयोग करेगा। पहले भी अंतर मंत्रालयी बैठक हुई थी लेकिन तब सबकी सहमति नही बन पाई थी।
भारत के कई शहरों जैसे जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, उतराखंड व राजस्थान के कुछ हिस्सों और उतर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों में बीएस-4 ईंधनों की आपूर्ति की जा रही है, जबकि बाकी हिस्सों में बीएस-3 की सप्लाई की जाती है।
वायु प्रदूषण फैलाने वाले मोटर गाड़ियों सहित सभी इंजन वाले उपकरणों के लिए भारत चरण उत्सर्जन मानक (बीएस) की शुरुआत वर्ष 2000 में केंद्र सरकार ने की थी। इसके विभिन्न मानदंडों को समय और मानकों के अनुसार, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन के मंत्रालय के तहत आने वाले केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर लाया जाता है। भारत चरण मानदंड यूरोपीय नियमों पर आधारित हैं।