टैक्स में छूट की उम्मीद कर रहे लोगों को निर्मला सीतारमण ने सुनाया 'महाभारत' का श्लोक, जानिए इसका मतलब
टैक्स में छूट की उम्मीद कर रहे लोगों को निर्मला सीतारमण ने सुनाया 'महाभारत' का श्लोक, जानिए इसका मतलब
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नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार (1 फ़रवरी) को 2022-23 के लिए देश का आम बजट पेश किया। इस बजट से देश का मध्यम वर्ग उम्मीद लगाये बैठा था कि टैक्स स्लैब में कुछ संशोधन होंगे। हालांकि इस बजट में मिडिल क्लास को टैक्स से संबंधित राहत नहीं दी गई है। वहीं टैक्स में रियायत ना मिलने को लेकर निर्मला सीतारमण ने महाभारत के श्लोक के मध्यम से जवाब दिया कि आखिर टैक्स में परिवर्तन क्यों नहीं किया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महाभारत के शांति पर्व के अध्याय 72 का श्लोक 11 सुनाते हुए कहा-

दापयित्वाकरंधर्म्यंराष्ट्रंनित्यंयथाविधि।
अशेषान्कल्पयेद्राजायोगक्षेमानतन्द्रितः॥११॥

इस श्लोक का अर्थ है कि 'किसी भी राजा को कोई ढिलाई न बरतते हुए और धर्म के अनुरूप करों का संग्रहण करने के साथ-साथ, राज धर्म के अनुसार शासन करके लोगों के कल्याण हेतु अवश्य व्यवस्थाएं करनी चाहिए।' वहीं, इस बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि,  'ये बजट 100 वर्षों की सबसे भयंकर आपदा कोरोना महामारी के बीच, विकास का नया विश्वास लेकर आया है। ये बजट, अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ही सामान्य मानवी के लिए, अनेक नए अवसर पैदा करेगा।'

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि ये बजट अधिक बुनियादी ढांचा, अधिक निवेश, अधिक विकास और और अधिक रोज़गार की नई संभावनाओं से भरा हुआ है। इससे ग्रीन जॉब्स का भी सेक्टर और खुलेगा।

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