मक्का मस्जिद केस : जज का बयान, आरएसएस से जुड़ने का मतलब समाज विरोधी होना नही
मक्का मस्जिद केस : जज का बयान, आरएसएस से जुड़ने का मतलब समाज विरोधी होना नही
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मक्का मस्जिद केस में फैसला सुनाने वाले जज रविंदर रेड्डी अभी तक अपने फैसले और इस्तीफे को लेकर चर्चा में बने हुए है. अपने बयान में उन्होंने कहा था कि संघ यानी कि आरएसएस से जुड़ने का मतलब यह नहीं है कि वे किसी सम्प्रदाय के खिलाफ है या किसी समाज के विरोधी हैं. गौरतलब है कि 2007 में हैदराबाद के मक्का मस्जिद केस में हाल ही में जज रविंदर रेड्डी ने फैसला सुनाया था, जिसमे उन्होंने मुख्य आरोपी असीमानंद समेत पांचों आरोपियों को बरी कर दिया था. 2007 में हुए धमाके में कई लोग घायल हो गए थे, जबकि 9 लोगों की मौत हो गई थी. 

जज रविंदर रेड्डी ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाने के बाद निजी कारणों के चलते अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था, जहां उनका  इस्तीफ़ा नामंजूर कर दिया गया था. जज ने सुनवाई के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को लेकर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की थी जिसमे उन्होंने कहा था कि  कि आरएसएस से जुड़ाव का यह मतलब नहीं है कि वह शख्स सांप्रदायिक या फिर समाज विरोधी है. साथ ही जज रेड्डी ने सीबीआई पर भी विश्वास नहीं जताया था. 

एनआईए ने भी इस समबन्ध में जज रविंदर रेड्डी पर आरोप लगाए थे. आपको बता दे कि मक्का मस्जिद केस पर जज रविंदर रेड्डी ने मात्र 18 पॉइंट्स में फैसला सुना दिया था. इसके बाद जज ने इस्तीफ़ा दे दिया था, लेकिन इसके बाद आंध्र प्रदेश और तेलंगाना हाई कोर्ट ने उनका इस्तीफ़ा नामंजूर करते हुए उन्हें तुरंत अपना पद संभालने के आदेश दिए थे. 

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