नई दिल्ली : आध्यात्मिक गुरू और संत श्रीश्री रविशंकर के आर्ट आॅफ लिविंग फाउंडेशन को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यून आज फैसला ले सकता है। दरअसल श्रीश्री रविशंकर की संस्था का आयोजन विश्व सांस्कृतिक महोत्सव 11 मार्च से 13 मार्च तक यमुना नदी के किनारे होगा। मगर इस आयोजन को लेकर नेशन ग्रीन ट्रिब्यून ने अपनी आपत्ती जताई है। ट्रिब्यून का कहना है कि इस कार्यक्रम से यमुना नदी को काफी नुकसान होगा। ट्रिब्यून ने इस मामले में दिल्ली विकास प्राधिकरण से कुछ सवाल भी किए हैं।
ट्रिब्यून का कहना है कि इस आयोजन में बड़े पैमाने पर लोग जुटेंगे ऐसे में बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य होगा। यह निर्माण कार्य पार्किंग और अन्य तरह का होगा। इस हेतु नदी के किनारे पर पार्किंग हेतु 3.5 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध करवाई गई है। दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा इस बात से इन्कार कर दिया गया था और कहा कि उसने नदी के किनारे की जमीन पार्किंग के लिए नहीं दी है।
उल्लेखनीय है कि पर्यावरणविदों ने शुरूआत में ही समारोह को लेकर नियमों की अनदेखी करने और यमुना कछार में होने वाली परेशानियों पर प्रश्न उठाए थे। इस तरह के विवाद के बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण ने श्रीश्री रविशंकर को समारोह की अनुमति देने से इन्कार कर दिया। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल को डीडीए द्वारा कहा गया कि उसे समारोह के इतने बड़े पैमाने पर किए जाने की जानकारी नहीं मिल पाई थी।
दूसरी ओर इस कार्यक्रम में विवाद के बाद अब खबर है कि इस कार्यक्रम के उद्घाटन पर पीएम मोदी के साथ पहुंचने वाले राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि वह सम्मेलन में उपस्थित नहीं हो पाएंगे। गौरतलब है कि इस कार्यक्रम में कई बड़े नेता और बॉलीवुड सितारों के अलावा 155 देशों के राष्ट्रअध्यक्ष नजर आएँगे।