नई दिल्ली : कार कम्पनियो को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की तरफ़ से एक और बड़े झटके का सामना करना पड़ सकता है. बताया जा रहा है कि NGT के द्वारा दिल्ली-NCR और केरल के बाद अब 11 और शहरों में हैवी डीजल व्हीकल्स पर बैन लगाने पर विचार किया जा रहा है. जी हाँ, इस खबर के साथ ही महिंद्रा, टोयोटा, मर्सडीज जैसी कंपनियों के प्रोडक्शन, इन्वेस्टमेंट और नौकरियों पर संकट मंडराने शुरू हो गया है.
इसके तहत यह भई सुनने में आ रहा है कि यदि ऐसा होता है तो कार कम्पनियो को अपना ध्यान डीजल से पेट्रोल की तरफ करना होगा. इस मामले में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने यह कहा है कि यदि डीजल व्हीकल पर दिल्ली-NCR के साथ ही दूसरे शहरों में भी बैन लगता है, तो इससे कंपनियों को करीब 1 लाख से अधिक यूनिट्स प्रोडक्शन का नुकसान देखने को मिल सकता है.
मामले में ही सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चर्स के द्वारा भी एक बयान सामने आया है, जिसमे यह कहा गया है कि इस वर्ष में मई माह के दौरान दिल्ली-NCR में डीजल व्हीकल्स के रजिस्ट्रेशन पर बैन लगने से 11,000 यूनिट्स प्रोडक्शन का नुकसान हुआ है. इसके साथ ही यह भी कहा गया है कि यदि ऐसा होता है तो इससे 47,000 नौकरियां भी खतरे में पड़ सकती है.