शिप्रा की आराधना में उठे लाखों हाथ, अगला सिंहस्थ 2028 में
शिप्रा की आराधना में उठे लाखों हाथ, अगला सिंहस्थ 2028 में
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उज्जैन: उज्जैन में यूं तो वर्ष 2016 के महापर्व सिंहस्थ का औपचारिक समापन होने जा रहा है. साधु-संतों के विभिन्न अखाड़ों वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की पौर्णिमा में स्नान करने के ही साथ लाखों श्रद्धालु उत्साहित हो उठे. श्रद्धालुओं ने पवित्र शिप्रा नदी में मोक्ष की डुबकी भी लगाई और पुण्य लाभ कमाया।

श्रद्धालु शाही स्नान का आनंद लेते रहे. इस दौरान उन्होंने उज्जैन के प्रमुख मंदिरों में दर्शन और पूजन भी किए. ऐसे में शहर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा. दिन में श्रद्धालुओं की तादाद कुछ कम रही लेकिन शाम होते ही घाटों पर स्नान कर पुण्य कमाने वाले बढ़ते चले गए।

शिप्रा नदी के रामघाट, दत्त अखाड़ा घाट, गउघाट, त्रिवेणी घाट, भूखीमाता घाट, श्री प्रशांति धाम घाट, वाल्मिकी घाट, नृसिंह घाट समेत अन्य घाटों पर श्रद्धालुओं ने स्नान का आनंद लिया. इस दौरान रामघाट पर श्रद्धालुओं ने शिप्रा आरती का आनंद लिया।

श्रद्धालु श्रद्धा भाव से शिप्रा आरती में मां शिप्रा की अर्चना कर रहे थे. सिंहस्थ 2016 के अंतिम और तीसरा शाही स्नान में आस्था की डुबकी लगाने वालों को अब बारह वर्ष बाद वर्ष 2028 में सिंहस्थ स्नान का पुण्यलाभ मिलेगा. हालांकि अभी तिथियों की औपचारिक घोषणा नहीं की गई है लेकिन धार्मिक जानकारों का मानना है कि वर्ष 2028 में सिंहस्थ का स्नान पर्व 9 अप्रैल से प्रारंभ होकर 8 मई तक चलेगा।

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