कैंसर के लिए वरदान: 3D तकनीक से कैंसर कोशिकाओं का लगाया जा सकेगा पता
कैंसर के लिए वरदान: 3D तकनीक से कैंसर कोशिकाओं का लगाया जा सकेगा पता
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तकनिकी दुनिया में विज्ञान का महत्त्व बहुत ज्यादा बढ़ गया है. जिसके चलते विभिन्न प्रकार की बीमारियों के लिए नयी नयी तकनीक विकसित की जा रही है, जो पुरे विश्व के लिए वरदान के रूप में साबित हो रही है. ऐसे में शोधकर्ताओं ने कैंसर के क्षेत्र में अपने प्रयासों के चलते एक नयी कामयाबी हासिल की है. हाल में शोधकर्ताओ ने  खून में कैंसर कोशिकाओं का पता लगाने और हमेशा के लिए उन्हें बाहर निकालने की 3D तकनीक को विकसित है, जो कैंसर के रोग को दूर करने के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है.

इस नयी 3D तकनीक के द्वारा सर्कुलेटिंग ट्यूमर सैल्स (सी.टी.सी.) को बहार निकल जा सकता है. सर्कुलेटिंग ट्यूमर सैल्स (सी.टी.सी.) एक प्रकार की ऐसी कोशिकाएं है,  शुरूआती चरण के ट्यूमर से निकलती हैं और रक्तसंचार के जरिए शरीर के अन्य हिस्सों में फैल जाती हैं. जो की घातक साबित हो सकती है.

इसके बारे में जानकारी देते हुए शोध के प्रमुख वैज्ञानिक जयंत खंडारे और शाश्वत बनर्जी ने बताया कि कैंसर की हजारों कोशिकाएं शुरूआती चरण के ट्यूमर से जुड़ी होती हैं और ये रक्त संचार के द्वारा अन्य अंगों में पहुंच जाती हैं जो कैंसर होने का मुख्य कारण है. इसे ‘मेटास्टेसिस’ कहते हैं जिसमे 90 प्रतिशत मरीजों की इसके कारण मौत हो जाती है.

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