2022: नए साल में लागू होंगे नए श्रम कानून, हफ्ते में 3 दिन छुट्टी से लेकर बदल जाएगा सब कुछ
2022: नए साल में लागू होंगे नए श्रम कानून, हफ्ते में 3 दिन छुट्टी से लेकर बदल जाएगा सब कुछ
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नई दिल्ली: नए साल 2022 में नए श्रम कानून लागू होने के बारे में कहा जा रहा है। ऐसा होने से कर्मचारियों की सैलरी से लेकर उनकी छुट्टियां और काम के घंटे तक सभी बदलने वाले है। जी हाँ, इसके मुताबिक हफ्ते में चार दिन काम और तीन दिन छुट्टी होगी। इसी के साथ इसमें काम के घंटे आठ की बजाय 12 हो जाएंगे। वहीं दूसरी तरफ श्रम मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि हफ्ते में 48 घंटे कामकाज का नियम ही लागू रहेगा। आप सभी को बता दें कि इसमें यह सुविधा भी होगी कि जहां आठ घंटे काम कराया जाएगा वहां एक दिन छुट्टी होगी। हाल ही में एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, 'कम से कम 13 राज्यों ने इन कानूनों के मसौदा नियमों को तैयार कर लिया है।'

आपको हम यह भी बता दें नई श्रम सहिता में कई ऐसे प्रावधान हैं, जिससे ऑफिस में काम करने वाले वेतनभोगी कर्मचारियों से लेकर मिलों और फैक्ट्रियों में काम कर वाले मजदूरों तक पर असर पड़ेगा। मिली जानकारी के तहत मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, औद्योगिक संबंध और व्यवसाय सुरक्षा तथा स्वास्थ्य और काम करने की स्थिति पर चार श्रम संहिताओं को अगले वित्त वर्ष तक लागू किए जाने की संभावना है। कहा जा रहा है केंद्र ने इन संहिताओं के तहत नियमों को अंतिम रूप दे दिया है और अब राज्यों को अपनी ओर से नियम बनाने हैं, क्योंकि श्रम समवर्ती सूची का विषय है। इस बारे में एक अधिकारी का कहना है कि चार श्रम संहिताओं के अगले वित्त वर्ष तक लागू होने की संभावना है।

आगे उन्होंने कहा, बड़ी संख्या में राज्यों ने इनके मसौदा नियमों को अंतिम रूप दे दिया है। दूसरी तरफ केंद्र ने फरवरी 2021 में इन संहिताओं के मसौदा नियमों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया पूरी कर ली थी, लेकिन चूंकि श्रम एक समवर्ती विषय है, इसलिए केंद्र चाहता है कि राज्य भी इसे एक साथ लागू करें। वहीं इसे लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि नए कानून से कर्मचारियों के मूल वेतन (बेसिक) और भविष्य निधि (पीएफ)की गणना के तरीके में बड़ा बदलाव आएगा।

ऐसा होने से एक तरफ कर्मचारियों के पीएफ खाते में हर महीने का योगदान बढ़ जाएगा लेकिन हाथ में आने वाला वेतन (टेक होम) घट जाएगा। जी दरअसल नई श्रम संहिता में भत्तों को 50 फीसदी पर सीमित रखा गया है और इससे कर्मचारियों के कुल वेतन का 50 फीसदी मूल वेतन हो जाएगा।

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