कैंसर के इलाज की नई तकनीक आई सामने
कैंसर के इलाज की नई तकनीक आई सामने
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नई दिल्ली: कैंसर के इलाज में अक्सर कई साइड इफेक्ट्स उभर कर सामने आ जाते हैं. इसी बात को ध्यान में रखते हुए कैंसर के उपचार की एक नई तकनीक ईजाद की गई है. यह तकनीक कैंसर मरीजों के लिए पहले की तुलना में ज्यादा सुरक्षित और बेहतर हैं. इसमें मरीज को दी जाने वाली दवा का शरीर पर कम दुष्प्रभाव पड़ता हैं. 

शोध पत्रिका ‘नेचर कम्युनिकेशंस’ में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार अमेरिका के उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कैंसर के मरीजों को दवा देने की इस तकनीक को ढूंढ निकाला हैं. यह तकनीक शरीर में मौजूद ट्यूमर को आसानी से ढूंढ सकती हैं. मरीजों को कैंसर की यह दवा प्राकृतिक तरीके से खत्म होने वाले नए ‘तरल धातु’ नैनो टर्मिनेटर के द्वारा दी जाती हैं. जो कीमोथेरेपी के प्रभाव को बड़ा देती हैं. 

जब डॉक्सरुबिसीन’ को तरल धातु में मिलाया जाता है तो कैंसर की यह दवा छोटी-छोटी बूंदों में बदल जाती है, जिसे बाद में सॉल्यूशन से अलग कर धमनियों में भेजा जाता हैं. इस तरह रक्त की धमनियां ही दवा को कैंसर के ट्यूमर तक ले जाती हैं. अब इन दवाओं को कोशिकाओं के द्वारा सोख लिया जाता हैं और यह दवा अन्य स्वस्थ कोशिकाओं को छोड़ ट्यूमर को मार देती हैं. 

यह इलाज अंडाशय के कैंसर के इलाज में अधिक असरदार है. शोधकर्ता चूहों पर इस तकनीक का सफलतापूर्वक परिक्षण कर चुके हैं. और अब बड़े पशुओं पर इसका परिक्षण किया जा रहा हैं.

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