मोदी ने दिया कालाबाज़ारियों को जख्म, नड्डा ने लगाया NMT का मरहम
मोदी ने दिया कालाबाज़ारियों को जख्म, नड्डा ने लगाया NMT का मरहम
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मोदी सरकार के कालेधन पर हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सारे कालाबाजारियों पर गाज गिरी है और सभी काले धन रखने वालों के होश फाख्ता हो गए हैं. सारे बड़े बड़े व्यापारियों में भी डर और तनाव व्याप्त हो गया है. इसको देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने तराव से मुक्ति दिलाने के लिए अपनी एक नहीं एप्लिकेशन लांच की है. नो मोर टेंशन की नाम की इस एप्प के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी. नड्डा ने बताया कि इस एप्प को लांच करने का मकसद लोगों में तरव के प्रति जागरूकता पैदा करना और उससे बचने के उपाय बताना है.

इस तरह स्वास्थ मंत्रालय ने थोड़ी मरहम काले धन वालों को लगाई है, इससे पूरी तरह तो नहीं हाँ लेकिन थोड़ी रहत तो उन्हें जरूर मिलेगी. नड्डा ने कहा ने के आज की इस भाग दौड़ भरी लाइफ में और तेज़ी से बदलती दिनचर्या के कारण लोगों में तनाव और टेंशन काफी बढ़ रहा है, इसको देखते हुए मंत्रालय इस पर काम कर रहा है और लोगों को इससे बचने के उपाय सुझाने के लिए इस एप्प को लांच किया गया है. इस एप्प को कोई भी व्यक्ति गूगल के प्ले स्टोर से मुफ्त में डाउनलोड कर सकता है.

मानव व्यवहार एवं संबद्ध विज्ञान संस्थान (ईहबास) के निदेशक डॉ. निमेष देसाई ने इस एप्प को तैयार करने में अहम् योगदान दिया है. देसाई का कहना है की इस एप्लीकेशन की मदद से लोग अपने तनाव के बारे में सम्पूर्ण जानकारी जुटा सकता है और उससे बचने के उपाय भी खोज सकता है. एप्प की जानकारी देते हुए उन्होंने आगे बताया की इस एप्प को ओपन कर अपना नाम, पता और अपनी सभी आदतों का डेटा इसमें इनपुट करें जिसके बाद एप्प आपसे 10 प्रश्न पूछेगा. इन सारे सवालों के जवाब के आधार पर एप्प आपका डेटाबेस तैयार करके आपको एक रैंक देगा जो आपके तनाव की स्थिति बताएगी जो 0 से 10 तक होगी. अब अगर आपकी रैंक 3-4 से अधिक आ रही है तो फ़ौरन ही आपको सचेत होने की जरूरत है और अगर मीटर आपको 9 या 10 रैंक देता है तो आपको तुरंत ही डॉक्टरी की सलाह की जरूरत है.

इतना ही नहीं, देसाई ने बताया के यह एप्प आपको सिर्फ रैंक नहीं बताता बल्कि इस स्थिति से निपटने के लिए क्या उपाय किये जाने चाहिए यह भी बताता है. नड्डा ने 'नो मोर टेंशन' की इस एप्प के साथ ही एक तिमाही पत्रिका 'स्वस्थ भारत' भी लांच की। हलाकि यह पत्रिका अभी सिर्फ हिन्दी एवं अंग्रेजी भाषा में ही उपलब्ध होगी लेकिन बाद में इसे 13 अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी जारी किया जाएगा। इस पत्रिका को यूजर इन्टरनेट के माध्यम से भी पड़ पाएंगे इसके लिए E-पत्रिका भी जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी.

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