नई दिल्ली: भारत की स्वाधीनता के प्रमुख सेना नायक और आजाद हिंद फौज के संस्थापक नेताजी सुभाषचंद्र बोस को लेकर अब तक केंद्र सरकार और पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार कई फाईलें सार्वजनिक कर चुकी हैं लेकिन अभी भी उनकी मृत्यु को लेकर विवाद गहरा रहा है।
अब यह बात सामने आ रही है कि नेताजी की अस्थियां कथित तौर पर रेंकोजी मंदिर में रखी हैं। हालांकि इस बात पर भी सवाल उठाए जाते रहे हैं कि ये अस्थियां नेताजी की ही हैं या किसी और की है। इस मामले में तर्क देने वालों ने कहा है कि नेताजी की अस्थियां रेंकोजी मंदिर में एक टिन या फिर लकड़ी के बक्से में रखी हुई हैं।
इस मामले में तोक्यो में स्थित भारतीय दूतावास ने यही बात कही है। फाईलों में जो जानकारी शामिल है उसमें दर्शाया गया है कि रेंकोजी मंदिर के प्रधान पुरोहित द्वारा 23 नवंबर 1953 को तक्कालीन प्रधानमंत्री जवाहलाल नेहरू को लिखा था पत्र में यही बात शामिल थी कि उन्होंने अस्थियों को संभालकर रखा है। हालांकि कई फाईलें सामने आ चुकी हैं लेकिन नेताजी की मृत्यु का राज़ अभी भी बना हुआ है। जिस पर कई तरह की बातें कही गई हैं। कहा तो यह भी जाता है कि नेताजी गुमनामी बाबा के तौर पर वर्षों तक रहे थे।