मधेशियों ने खारिज किया सरकार द्वारा पारित संशोधन विधेयक
मधेशियों ने खारिज किया सरकार द्वारा पारित संशोधन विधेयक
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काठमांडू : नेपाली सरकार द्वारा की गई मधेशियों से सुलह की एक और कोशिश नाकाम हो गई है। मधेशियों ने संसद में पारित हुए संविधान संसोधन को अपूर्ण करार देते हुए नकार दिया है। उनका कहना है कि इससे संघीय पुर्नसीमांकन को लेकर उनकी चिंताओं का समाधान नही हुआ है। शनिवार को संसद में दो तिहाई बहुमत के साथ जिस संसोधन को पारित किया गया, उसमें मधेशियों की दो अहम मांगे भी थी।

जिसमें मूलरुप से भारतीय मूल के अल्पसंख्यक समुदाय को आनुपातिक प्रतिनिधित्व जनसंख्या के आधार पर संसद में सीटों को आवंटन पर केंद्रित है। संयुक्त लोकतांत्रिक मधेसी मोर्चा के घटक संघीय समाजवादी फोरम नेपाल के सह अध्यक्ष राजेंद्र श्रेष्ठ ने कहा कि संसद में 15 दिसंबर को जो मूल विधेयक पेश किया गया था, नेपाली कांग्रेस के मिनेंद्र रिजाल और फरमुल्लाह मंसूर का प्रस्ताव उससे कहीं अधिक प्रगतिशील है। विभिन्न दलों के 100 से अधिक सांसदों ने विधेयक में संशोधन की मांग करते हुए 24 प्रस्ताव दिए।

इस विधेयक को रिजाल और मंसूर द्वारा दर्ज कराए गए प्रस्ताव को शामिल करते हुए सदन ने पारित किया। काठमांडू पोस्ट की खबर है कि मधेस आधारित आंदोलनकारी दलों ने कहा कि संशोधन प्रस्ताव, जिसके आधार पर संविधान संशोधन विधेयक मंजूर किया गया, प्रगतिशील होने के बावजूद अपूर्ण है। श्रेष्ठ ने कहा कि प्रदर्शन तब तक जारी रहेगा जब तक संघीय पुनर्सीमांकन पर सहमति नही बन जाती

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