न किसी को सताए न किसी से झूठ बोले
न किसी को सताए न किसी से झूठ बोले
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नवरात्रि का अवसर ऐसा होता है जब देवी साक्षात रूप से इस धरती पर मौजूद रहती है। इसलिए इस पर्व का विशेष महत्व शास्त्रों में बताया गया है। जो लोग श्रद्धा और विश्वास माता पर रखते है वे न केवल उपवास आदि करते है तो वहीं पूजा आराधना में भी लीन रहते है। लेकिन जो श्रद्धालु उपवास व्रत नहीं रखते है उन्हें  ही नहीं देवी पर आस्था विश्वास रखने सभी श्रद्धालुओं को न तो किसी से झूठ बोलना चाहिए और न ही किसी को सताया जाए।

न बुरा कहें और न बुरा सुने और न किसी की शिकवा शिकायत करें तो निश्चित ही माता की कृपा तथा प्रसन्नता बनी रहती है। नवरात्रि चाहे चैत्र माह की हो या फिर चाहे शारदीय नवरात्रि ही क्यों न हो, दोनों ही नवरात्रि का अपना-अपना विशेष महत्व शास्त्रों में उल्लेखित है।

नवरात्रि ही क्या बल्कि यदि उपवास-व्रत करते हो तो भी न झूठ बोलना चाहिये और न ही किसी बुराई में अपना समय व्यर्थ गंवाने की आवश्यकता है।

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