नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े राज्य यूपी एवं दिल्ली सहित कई प्रदेशो ने बिजली संकट को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से कोयले की सप्लाई शीघ्र से शीघ्र करने को कहा है, जिससे प्रदेश को ब्लैकआउट के संभावित संकट से बचाया जा सके। हालांकि, इस मसले पर सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि देश में किसी तरह का बिजली संकट नहीं है। कोल इंडिया लिमिटेड के समीप पर्याप्त कोयले का स्टॉक है।
वही केंद्रीय कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, बिजली आपूर्ति बाधित होने का बिल्कुल भी संकट नहीं है। कोल इंडिया लिमिटेड के समीप 24 दिनों की कोयले की मांग के बराबर 43 मिलियन टन का पर्याप्त कोयले का स्टॉक है। कोयला मंत्रालय ने भी आश्वस्त किया कि बिजली संयंत्रों की मांग को पूरा करने के लिए देश में पर्याप्त कोयला मौजूद है। मंत्रालय ने बताया, बिजली आपूर्ति बाधित होने की संभावना पूर्ण रूप से गलत है। बिजली संयंत्र में कोयले का स्टॉक तकरीबन 72 लाख टन है, जो 4 दिनों की जरुरत के लिए पर्याप्त है तथा कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) के समीप 400 लाख टन से ज्यादा का स्टॉक है, जिसे बिजली संयंत्रों की आपूर्ति की जा रही है।
इसके साथ ही कोयला कंपनियों से कोयले की सप्लाई में तेजी से इस साल (सितंबर 2021 तक) घरेलू कोयला आधारित बिजली उत्पादन में तकरीबन 24% की बढ़ोतरी हुई है। बिजली बनाने वाले संयंत्रों में कोयले की आवश्यकता औसतन लगभग 18.5 लाख टन रोजाना है जबकि दैनिक कोयले की आपूर्ति तकरीबन 17.5 लाख टन प्रतिदिन है। बारिश की वजह से कोयले को संयंत्रों तक पहुंचाने में समस्या हुई, मगर अब इसे ठीक किया जा रहा है।
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