Unnao case : दिल्ली कोर्ट ने MLA कुलदीप सेंगर पर तय किए आरोप, ये है पूरी रिपोर्ट
Unnao case : दिल्ली कोर्ट ने MLA कुलदीप सेंगर पर तय किए आरोप, ये है पूरी रिपोर्ट
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नाबालिग युवती के साथ उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आरोप तय कर दिए हैं. शुक्रवार को हुई सुनवाई के दौरान तीस हजारी कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के विधायक और मुख्य आरोपित कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ आरोप तय किए हैं. दुष्कर्म पीड़िता, उसकी मां और चाचा पर स्कूल का फर्जी स्थानांतरण प्रमाणपत्र (टीसी) देने के आरोप मामले में भी शुक्रवार को एसीजेएम कोर्ट में सुनवाई होगी. पीड़ित परिवार पर यह मामला विधायक की करीबी और सह आरोपित शशि सिंह के पति ने कोर्ट के जरिये दिसंबर 2018 में दर्ज कराया था. पुलिस ने मामले में बुधवार को दुष्कर्म पीड़िता, उसकी मां व चाचा के खिलाफ बुधवार को आरोपपत्र दाखिल किया है. आइए जानते है पूरी जानकारी विस्तार से 

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इससे पहले उन्नाव कांड से जुड़े दुष्कर्म पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में बृहस्पतिवार को तीस हजारी कोर्ट में सुनवाई हुई. सीबीआइ ने अदालत को बताया कि पीड़िता के पिता को अवैध हथियार रखने के मामले में गलत फंसाया गया था. पुलिस से मिलीभगत कर आरोपितों ने उनसे हथियार की बरामदगी करवाई थी. पुलिसकर्मियों और आरोपितों के बीच इस दौरान मोबाइल फोन पर हुई बातचीत का डाटा भी उपलब्ध है. इस मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर सहित अन्य आरोपित हैं.

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अपने बयान में सीबीआइ ने अदालत में कहा कि पीड़िता के पिता को भीड़ ने पीटा था, जिसके कारण हिरासत में उनकी मौत हो गई थी. उन्हें पहले बुरी तरह पीटा गया था और उनके कपड़े फाड़ दिए गए थे. इसके बाद उनके खिलाफ पुलिस को मोबाइल फोन पर शिकायत दी गई थी. शिकायतकर्ता ने कुलदीप सेंगर से भी तभी बातचीत की थी. पीड़िता के पिता पर केस दर्ज होने के बाद बातचीत बंद हो गई.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि बचाव पक्ष ने सीबीआइ के आरोप नकार दिए. पीड़िता के वकील धर्मेद्र कुमार मिश्र ने अदालत में कहा कि पीड़िता के पिता की गिरफ्तारी से पहले बेरहमी से पिटाई हुई थी और उन्हें अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था. इसके बाद भी उन्नाव के सीएमओ (चीफ मेडिकल ऑफिसर) ने उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने के लिए फिट बताया और जेल में उनकी मौत हो गई थी. इसमें सीएमओ तथा आरोपितों की साजिश साफ नजर आती है. इसलिए सीएमओ पर भी केस दर्ज होना चाहिए.मामले में जमानत पर चल रहे आरोपित उत्तर प्रदेश पुलिस के इंस्पेक्टर अशोक सिंह भदौरिया, एसआइ कामता प्रसाद पेश हुए.

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