जिस तस्वीर का बंगाल पुलिस ने किया Fact Check, उसे इस्तेमाल कर NBT और दैनिक जागरण ने फैलाया झूठ
जिस तस्वीर का बंगाल पुलिस ने किया Fact Check, उसे इस्तेमाल कर NBT और दैनिक जागरण ने फैलाया झूठ
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश और बिहार में हाल ही में इंडियन रेलवे के खिलाफ छात्रों ने उग्र विरोध प्रदर्शन किया था। गणतंत्र दिवस (26 जनवरी, 2022) को ही प्रदर्शनकारी सड़कों पर आ गए थे और ट्रेनों में आग लगा दी थी। पुलिस के साथ भी प्रदर्शनकारियों की झड़पें हुईं। कुछ नेताओं और कोचिंग शिक्षकों पर छात्रों को भड़काने के आरोप लगे थे। RRB (रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड) की नियुक्ति प्रक्रिया में गड़बड़ी को लेकर ये प्रदर्शन हुआ था। वहीं, इसी बीच मीडिया के एक हिस्से ने भी जम कर झूठी खबर फैलाई।

 

स्टूडेंट्स का कहना था कि परीक्षा की नोटिफिकेशन में ये नहीं बताया गया था कि ‘Group D’ के लिए CBT-I की एग्जाम निकालने के बाद उन्हें एक और एग्जाम देनी होगी। 14 जनवरी को इस परीक्षा के रिजल्ट आए थे। इसके लिए अधिसूचना 2019 में ही जारी कर दी गई थी। प्रयागराज में हिंसा के बाद स्टूडेंट्स पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। उन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई भी हुई। मगर, मीडिया का एक तबका इसे लेकर झूठी ख़बरें फैलाने में लग गया और सरकार के साथ ही हिन्दू धर्म पर भी कटाक्ष करने लगा।  ‘नवभारत टाइम्स (NBT)’ के पत्रकार ने छात्रों पर तथाकथित पुलिस बर्बरता दर्शाने के लिए एक ऐसी तस्वीर का सहारा लिया, जिसके इस प्रदर्शन से कोई वास्ता था ही नहीं। 

 

उन्होंने जो तस्वीर पोस्ट की, उसमें एक व्यक्ति जख्मी अवस्था में बिस्तर पर पड़ा हुआ है और एक महिला ने उसके सिर पर हाथ रखा हुआ है। ये करतूत पत्रकार अनूप पांडेय की है, जिनके द्वारा साझा की गई इस तस्वीर में जख्मी युवक की पीठ पर पिटाई के लाल निशान नज़र आ रहे हैं। फेक न्यूज़ के साथ पांडेय ने कैप्शन में लिखा कि, 'नौकरी लेकर क्या कीजिएगा? अभी काशी-मथुरा बाकी है।' सोशल मीडिया यूज़र्स ने अनूप पांडेय को वहीं पर ही बता दिया कि ये तस्वीर पुरानी है और पहले भी कई बार वायरल हो चुकी है। दरअसल, मलेशिया के एक मीडिया संस्थान ने बताया था कि ये फोटो बांग्लादेश की है। जब लोगों ने वास्तविकता सामने रखी तो NBT के पत्रकार ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया। वहीं, मीडिया संसथान ‘दैनिक जागरण’ ने भी इस तस्वीर को रजनीश भारती का बता कर शेयर किया।

 

बड़ी बात तो ये है कि इसी तस्वीर का फैक्ट चेक पश्चिम बंगाल पुलिस ने भी मार्च 2020 में किया था। उस समय इस तस्वीर को ये कहकर फैलाया जा रहा था कि बंगाल पुलिस ने इस युवक का ऐसा हाल कर दिया है। तब पश्चिम बंगाल पुलिस ने चेताया भी था कि फर्जी न्यूज़ फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। ‘दैनिक जागरण’ ने भी इस फोटो को प्रयागराज का बता कर पेश किया। अनूप पांडेय ने ट्वीट डिलीट कर के कोई स्पष्टीकरण भी नहीं दिया और अख़बार की कतरन साझा करने लगे।

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