गृह मंत्रालय के डोजियर से एक चौकाने वाला खुलासा हुआ है. गृह मंत्रालय का ये डोजियर कहता है कि नक्सली नेता लगातार धन कुबेर बनते जा रहे है. इस धन से उनकी आने वाली पीढ़ी और रिश्तेदारों के लिए बिहार और झारखंड में प्राइवेट मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन का खर्चा उठाया जा रहा है. फिरौती के रूप मे मिले लाखों रुपये इसी काम में खर्च किये जा रहे है.
बिहार-झारखंड के स्पेशल एरिया कमेटी (BJAS)के एक सदस्य प्रद्युमन शर्मा ने मेडिकल कॉलेज में अपनी भतीजी के एडमिशन के लिए 22 लाख रुपये दिए. जबकि BJAS के एक और सदस्य संदीप यादव ने अपने बेटे और बेटी के लिए प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन दिलवाया.
अधिकारियों के मुताबिक एक और सीनियर नेता अरविंद यादव ने अपने भाई के एडमिशन के लिए एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में 2 लाख रुपये फीस के तौर पर दिए. गृह मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक दस्तावेजों से पता चलता है कि संदीप यादव नाम के एक नेता ने नोटबंदी के दौरान 15 लाख रुपये की अदला-बदली की. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा "ईडी ने 32 एकड़ जमीन और कई इमारतों सीज़ किए हैं. साथ ही 1.45 करोड़ रुपये भी जब्त किया गया है. गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत दो बसें, 11 कारें/जीप और दो ट्रैक्टर भी जब्त किए गए हैं".
मंत्रालय के बड़े अधिकारियों ने बताया कि इन पास फिरौती से ये पैसे आते हैं. उन्होंने कहा ''निजी ठेकेदारों, ट्रांसपोर्टरों और छोटे और मध्यम उद्योगों के मालिकों पर लगाए गए शुल्क इन पैसों का सोर्स है. गैरकानूनी खनन, स्टोन क्रशिंग और तेंदु पत्ते जमा करने से भी इनके पास पैसे आते हैं." बहरहाल इन सब जानकारी के बावजूद सरकार अभी तक इन पर लगाम लगाने में कामयाब नहीं हो सकी है.
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