नई दिल्ली : नेपाल में आये भयानक भूकंप के बाद भारत की और से चलाये गये बचाव व राहत अभियान की प्रशंसा सिर्फ दूरदराज के देशों से ही नहीं की जा रही बल्कि पड़ोसी देश पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ भी भारत के इस व्यवहार के मुरीद हो गए हैं। आज शरीफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर नेपाल में भारतीय कार्रवाई की दिल खोल कर प्रशंसा की।
मोदी ने मौके पर शरीफ के सामने सार्क देशों में आपदा से बचने के लिए संयुक्त प्रशिक्षण करने का प्रस्ताव रखा। शरीफ भी प्रस्ताव के पक्ष में दिखे और इस पर आगे विचार करने की बात कही। सरकार की तरफ से जारी सूचना में बताया गया कि शरीफ ने नेपाल के साथ ही भारत के भी कई हिस्सों में आये भूकंप और इससे हुए जानमाल को नुकसान पहुंचने पर सहानुभूति जताई।
यह मोदी का ही सुझाव था कि दक्षिण एशियाई देशों को आपदा से बचने के लिए संयुक्त प्रशिक्षण करना चाहिए। शरीफ ने इसका स्वागत किया है। माना जा रहा है कि इस वर्ष के अंत में पाकिस्तान में होने वाले सार्क देशों की बैठक में इस बारे में विस्तृत चर्चा होगी और आगे का रोडमैप बनेगा। इससे आगे चल कर आपदा आने पर संयुक्त अभियान चलाने का रास्ता भी साफ हो सकता है।
सनद रहे कि पूर्व में आपदा में भी भारत से मदद लेने से पाकिस्तान इन्कार करता रहा है। भारत ने वर्ष 2005 के कश्मीर में आये भयंकर भूकंप के समय पाकिस्तान को राहत दल भेजने का प्रस्ताव किया था। उसके बाद पिछले वर्ष गुलाम कश्मीर की त्रासदी के समय भी प्रधानमंत्री मोदी ने बचाव दल भेजने का प्रस्ताव किया था। इसके जवाब में पाक सरकार ने कहा था कि अगर भारत चाहे तो वह भी बचाव दल व अन्य राहत पहुंचाने को तैयार है।
जानकार शरीफ की तरफ से टेलीफोन आने को पाकिस्तान की तरफ से रिश्तों पर जमी बर्फ को हटाने की कोशिश के तौर पर देखा रहे है। अभी दो दिन पहले ही खाड़ी क्षेत्र के एक प्रमुख समाचार पत्र को दिए गए साक्षात्कार में शरीफ ने भारत के साथ रिश्ते को पूरी तरह से सामान्य बनाने की अपनी इच्छा जाहिर की थी। इसमें उन्होंने पीएम मोदी की ताजपोशी में मिले निमंत्रण की भी भूरी-भूरी प्रशंसा की थी।
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