नई दिल्ली: नौसेना की मारक क्षमता में बढ़ोतरी करने के लिए युद्धपोत बनाने की इस योजना पर P15B का पहला विध्वंसक युद्धपोत वाई12704 (विशाखापट्टनम) भारतीय नौसेना को सौंपा जा चुका है। इसे सुपरसोनिक ब्रह्मोस और बराक सहित सभी प्रमुख मिसाइलों और हथियारों से लैस है। इसके शामिल होने से हिंद महासागर क्षेत्र में इंडियन फाॅर्स की सामरिक और रणनीतिक की क्षमता में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। 'विशाखापट्टनम' भारत में निर्मित सबसे लंबा विध्वंसक युद्धपोत है जो गहरे समुद्र में दुश्मन का संपूर्ण सफाया करने में समर्थ है।
समुद्री परीक्षण की होगी शुरुआत: विशाखापट्टनम श्रेणी के युद्धपोत के निर्माण की शुरुआत अक्टूबर, 2013 में हुई थी अप्रैल 2015 में इसे लॉन्च किया जा चुका है और अब इसे नौसेना के हवाले किया जा चुका है। P15B के दूसरे युद्धपोत मोरमुगाओ का जलावतरण सितंबर, 2016 को कर दिया गया था और हार्बर ट्रायल्स के बाद अब इसके समुद्री परीक्षण की शुरुआत होने वाली है। तीसरे जहाज इंफाल का जलावतरण 20 अप्रैल, 2019 को किया गया और यह अभी बाहरी सज्जा के अग्रिम चरण में है। चौथा युद्धपोत सूरत निर्माणाधीन है जिसका इसी वित्त वर्ष में जलावतरण किए जीने की उम्मीद भी जताई जा रही है।
युद्धपोत निर्माण में 'विक्रांत' आत्मनिर्भरता का प्रमाण: जहां इस बात का पता चला है कि केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने रविवार को स्वदेशी विमान वाहक पोत (IAC) 'विक्रांत' के समुद्री परीक्षण की समीक्षा की। उन्होंने बोला है कि युद्धपोत निर्माण में यह भारत की आत्मनिर्भरता का सबसे बड़ा प्रतिक है। यह दूसरा परीक्षण है। हमारा लक्ष्य अगले वर्ष अगस्त तक पोत को नौसेना में शामिल करने का है। इस युद्धपोत का पहला सफल परीक्षण इस वर्ष 21 अगस्त के दिन शुरू किया गया था। दूसरे समुद्री परीक्षणों के लिए यह पोत 24 अक्टूबर को रवाना कर दिया गया था। सोनोवाल ने बोला था कि यह भारत सरकार के 'मेक इन इंडिया' का वास्तविक सुबूत होगा।
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