कुछ ऐसा है गैर राजनीतिक परिवार से आने वाले नेता नरेंद्र सिंह तोमर सफर
कुछ ऐसा है गैर राजनीतिक परिवार से आने वाले नेता नरेंद्र सिंह तोमर सफर
Share:

अपनी मेहनत के दम पर मोदी सरकार मे नरेंद्र सिंह तोमर ने खास मुकाम हासिल किया है. उनके कई गुणों में यह गुण सबसे प्रखर है। तोमर के लिए यह खास है क्योंकि चंबल और ग्वालियर अंचल के पानी की तासीर ही कुछ ऐसी है जहां हर किसी की नाक पर गुस्सा चढ़कर बोलता है, लेकिन तोमर उर्फ मुन्ना भैया को कभी किसी ने गुस्सा होते नहीं देखा. हर कठिन घड़ी का मुकाबला शांत रहकर किया है. इनके बारे में मशहूर है 'तोलकर जो बोले सो तोमर.'गैर राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाले तोमर के जीवन का टर्निंग प्वाइंट आपातकाल का समय था, जब तोमर जयप्रकाश नारायण के देशव्यापी आंदोलन में शामिल हो गये। पढ़ाई छूटी. जेल गये. फिर तो जीवन राजनीति से ओतप्रोत हो गया. छात्र जीवन से जिस राजनीति की शुरूआत हुई वह आज भी जारी है. उस वक्त उन्हें तो इसका अहसास नहीं था कि भविष्य उन्हें इस उंचाई तक लाएगा लेकिन जेल यात्रा के दौरान लोगों की हस्तरेखाएं पढ़कर लोगों का भविष्य बांचते थे. जाहिर है कि मृदुवाणी के साथ हस्तरेखा पढ़ने की कला ने उन्हें जेल के अंदर बंद साथियों के बीच भी लोकप्रिय कर दिया था. उनका सियासी सफर छात्र राजनीति से शुरू हुआ. नरेंद्र सिंह तोमर को अंगुली पकड़कर राजनीति में लाने वाले पार्टी के वयोवृद्ध नेता धीर सिंह तोमर बताते हैं कि नरेंद्र सिंह ने सबसे पहला चुनाव एसएलपी कॉलेज के अध्यक्ष के लिए लड़ा और जीते. इस प्रकार वह अपने जीवन मे आगे बढ़ रहे थे.

अगवा हुई लड़की सकुशल बरामद, अपहरणकर्ता गिरफ्तार

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि ग्वालियर विधानसभा से डॉ. धर्मवीर सिंह विधायक थे, उस समय थाटीपुर भी ग्वालियर विधानसभा में आता था. पुराने नेता बताते हैं कि हम लोगों को तरजीह नहीं दी जाती थी. रानी महल में ग्वालियर विधानसभा चुनाव का टिकट फाइनल होना था. जंग बहादुर सिंह का नाम टिकट के लिए था. वे अम्मा महाराज राजमाता विजयाराजे सिंधिया से मिलने के लिए रानी महल गए. ग्वालियर विधानसभा से किसे उम्मीदवार बनाया जाए इस पर मंथन होना था. धीर सिंह तोमर व जंग बहादुर सिंह के साथ नरेंद्र सिंह तोमर भी रानी महल साथ गए. अम्मा महाराज के सामने दोनों ने चुनाव लड़ने से असमर्थता जता दी. राजमाता के नरेंद्र सिंह तोमर के संबंध में पूछने पर सबने सहमति दे दी और उनका टिकट फाइनल हो गया. बाबू रघुवीर सिंह से नरेंद्र सिंह 600 वोटों से चुनाव हार गए. उस समय पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी गिर्द से चुनावी सभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे. अटलजी के सामने नरेंद्र सिंह ने डेढ़ घंटे धाराप्रवाह भाषण दिया और रात 12 बजे तक लोग सभा में जमा रहे. यही वह समय था जब तोमर भाजपा की राजनीति में चर्चा में आ गये.

कांग्रेस नेता की शिकायत पर भाजपा विदायक का बेटा गिरफ्तार, ये है मामला

कभी पीछे मुड़कर इस चुनाव के बाद नरेंद्र सिंह ने नहीं देखा. वे 1986 से 1990 तक युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष रहे. इसके बाद उन्हें प्रदेश में संगठन मंत्री का दायित्व सौंपा गया. 1998 में वे ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे. 2003 में इसी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर उमा भारती मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला. इसके बाद वे बाबूलाल गौर व शिवराज सिंह चौहान के मंत्रिमंडल में रहे. कुशल रणनीतिकार होने के कारण उन्हें प्रदेशाध्यक्ष बनाया गया. शिवराज व नरेंद्र सिंह की जुगल जोड़ी के कारण सरकार की वापसी हुई. वे 2007 से 2009 के बीच राज्यसभा सदस्य रहे. तीसरी बार भी शिवराज सिंह की प्रदेश में सरकार बनाने में नरेंद्र सिंह की अहम भूमिका रही. 2009 में वे मुरैना लोकसभा संसदीय क्षेत्र से जीतकर संसद में पहुंचे और फिर 2014 में ग्वालियर संसदीय क्षेत्र से अशोक सिंह को चुनाव हराकर संसद में पहुंचने पर मोदी मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला. अपनी कुशल रणनीति व प्रशासनिक क्षमता के कारण वे मोदी के भरोसेमंद बन गए. 1983 की है, जब भाजपा उन्हें पार्षद का चुनाव लड़ा रही थी. उनका चुनाव कार्यालय जिस मकान में खुला, उस मकान के मालिक को कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाकर उतार दिया. पार्टी का दबाव था कि तोमर से मकान खाली कराओ, लेकिन मकान मालिक ने मकान खाली कराने से मना करते हुए कह दिया चाहो टिकट वापस ले लो, लेकिन मकान खाली नहीं कराऊंगा. अपने कुशल राजनीति के बल पर उन्होने सरकार मे अपने मकसद को प्राप्त किया है.

पुलिस हिरासत में हुई युवक की मौत, शिवराज सिंह ने की CBI जांच की मांग

पुलिस ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर को किया गिरफ्तार, जबरन किया जिले से बाहर

खुदाई में मजदूरों को मिली तोप, देखने वालों की लगी भीड़

 

रिलेटेड टॉपिक्स
- Sponsored Advert -
मध्य प्रदेश जनसम्पर्क न्यूज़ फीड  

हिंदी न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_News.xml  

इंग्लिश न्यूज़ -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_EngNews.xml

फोटो -  https://mpinfo.org/RSSFeed/RSSFeed_Photo.xml

- Sponsored Advert -