मध्य प्रदेश:धरने पर बैठे शिवराज सिंह चौहान, सरकार से की ये मांग
मध्य प्रदेश:धरने पर बैठे शिवराज सिंह चौहान, सरकार से की ये मांग
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इन दिनों बैरागढ़ थाने में पुलिस हिरासत में हुई एएसआई सुरेश मिश्रा के बेटे की मौत का मामला मध्य प्रदेश की सियासत में गरमाया हुआ है. अब इस मामले में भाजपा खुलकर विरोध में सामने आ गई है. भोपाल में बैरागढ़ थाने में पुलिस हिरासत में हुई एएसआई (असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर) सुरेश मिश्रा के बेटे शिवम की मौत के मामले में शुक्रवार को भाजपा खुलकर सामने आ गई. भारत माता चौराहे पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में धरना प्रदर्शन किया गया. इसमें मृतक शिवम के माता-पिता और परिजन अस्थिकलश लेकर शामिल हुए.

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शिवराज सिंह ने धरने को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ से मामले की तत्काल सीबीआई जांच की घोषणा की मांग की. साथ ही कहा कि आरोपित पुलिस कर्मियों पर एफआईआर दर्ज की जाए. उन्होंने मृतक की बहन को शासकीय नौकरी देने की भी मांग की. शिवराज राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि सात दिन के अंदर अगर आरोपित पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई नहीं होती है तो लोग सड़कों पर आकर आंदोलन करेंगे. उन्होंने कहा कि मृतक के मां और पिता दोनों दिव्यांग हैं. मां बोल नहीं पाती है, पिता चल नहीं पाते हैं. बहन की शादी की तैयारियां थी. उनका सहारा चला गया. सीएम को आकर उनसे मिलना चाहिए. तब उनको पता चलेगा कि पुलिसकर्मियों ने क्या किया है. धरने के दौरान मृतक की बहन मधु मिश्रा रो-रोकर बेहोश हो गई. शिवम की मां संगीता और पिता सुरेश मिश्रा भी बिलखते रहे. शिवराज ने कहा कि बैरागढ़ पुलिस के वह पांचों जवान पुलिसकर्मी नहीं, नरपिशाच थे. उनको जानबूझकर नरपिशाच कह रहा हूं. उन्होंने पीट-पीट कर मार डाला. उसके सीने में दर्द हो रहा था, वह पीट रहे थे. सिर और हाथ पैर समेत पूरे शरीर पर चोटों के निशान थे. भाजपा नेताओं ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल को मामले की जांच के लिए ज्ञापन भी सौंपा.धरना प्रदर्शन स्थल पर एक वीडियो दिखाया गया. जिसमें शिवम मिश्रा का शव स्ट्रेचर पर रखा हुआ है और इस दौरान उसके दोस्त पुलिस से कह रहे हैं कि आपको मारना नहीं था. आप पुलिस कार्रवाई करते. इसके बाद पुलिस के खिलाफ धरना स्थल पर काफी आक्रोश देखा गया.

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि भाजपा आठ जुलाई से शुरू होने वाले विधानसभा के बजट सत्र में पुलिस बर्बरता के मामले उठाएगी. पार्टी का मानना है कि पुलिस अत्याचार की घटनाएं प्रदेश में लगातार बढ़ रही हैं. अकेले भोपाल में 12 दिनों में शिवम मिश्रा की मौत छठी घटना है, जो पुलिस बर्बरता की कहानी कह रही है. नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा है कि प्रदेश में कानून के रक्षक ही अब भक्षक बन गए हैं. जनता अन्याय सहने पर मजबूर है. अगर  पुलिस इस तरह से बर्ताव करेगी तो समाज के अंदर अशांति का ही माहौल बनेगा. उधर, मामले में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पुलिस डीजीपी से मामले की रिपोर्ट तलब की है. राज्यपाल ने भोपाल रेंज के आईजी योगेश देशमुख और और डीआईजी इरशाद वली को शनिवार को राजभवन तलब किया है. उन्होंने शिवम मिश्रा की मौत के मामले में सौंपे गए ज्ञापन को परीक्षण के लिए विधि अधिकारी को सौंपा गया है. शिवम की मौत के तीसरे दिन परिजन ने उसकी अस्थियां विसर्जित करने से इनकार कर दिया. उनका कहना है कि जब तक दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं होता, वे शिवम की अस्थियों को विसर्जित नहीं करेंगे. इधर, शिवम के पर्स और जेब से पैसे निकालने के आरोपों के बीच शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ. जिसमें कुछ युवक उसका पर्स निकालते नजर आ रहे हैं. लेकिन वह कौन है, इसकी पहचान नहीं हो पाई है. न्यायिक जांच दल ने पुलिस से 15 बिंदुओं पर जानकारी मांगी है. हालांकि पुलिस की ओर से दावा है कि वीडियो में मृतक के ही परिजन हैं. जबकि मृतक का परिवार इस बारे में फिलहाल कुछ बताने की स्थिति में नहीं है.

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इस मामले में पुलिस की ओर से दावा किया गया था कि एसयूवी का जब एक्सीडेंट हुआ तब उसमें एक युवती भी थी, जिसको लेकर दो लोग सामने आए थे. जिनमें से एक ने रिपोर्ट भी दर्ज कराई है. दो चश्मदीद भी पुलिस के पास हैं, लेकिन पुलिस उस युवती की तीन दिन बाद भी पहचान नहीं कर पाई है. शिवम की मौत को लेकर शिवराज सिंह चौहान के धरने पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने उन्हें गोटेगांव और हरदा की घटनाओं को याद दिलाया और कहा कि वहां भी उन्हें धरना देने जाना चाहिए. वहीं, प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष शोभा ओझा व उपाध्यक्ष अभय दुबे ने धरने को चौहान की राजनीतिक अवसरवादिता बताया. मंगलवार-बुधवार के दरम्यान की रात रेडियो पुलिस कॉलोनी भदभदा में रहने वाले 27 वर्षीय शिवम मिश्रा अपने दोस्त गोविंद के साथ खाना खाने के लिए बैरागढ़ के आगे एक ढाबे पर जा रहे थे. रास्ते में उनकी एसयूवी बीआरटी कॉरिडोर की रैलिंग से टकरा गई थी. इस घटना के बाद बैरागढ़ पुलिस शिवम व उसके दोस्त को थाने ले गई थी, जहां कुछ देर बाद शिवम की मौत हो गई थी. माना जा रहा है कि सरकार इस मामले पर कड़ा रूख अपनाएंगी.   

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