चीन के लिए बढ़ेगी मुश्किल, FVEY में इन देशों को शामिल करने की योजना
चीन के लिए बढ़ेगी मुश्किल, FVEY में इन देशों को शामिल करने की योजना
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सभी देश एशिया और हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की अहमियत को बखूबी जानते हैं. लेकिन उसकी यही अहमियत भारत समेत दूसरे देशों के लिए समस्‍या बन चुकी है. भारत को यदि छोड़ दें तों दूसरे देश चीन के चंगुल में इस कदम फंस चुके हैं कि उनका इससे बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. चीन केवल इस क्षेत्र के देशों के लिए चुनौती नहीं बना हुआ है बल्कि दूसरे बड़े और शक्तिशाली देशों के लिए समस्‍या बना हुआ है. यही वजह है कि चीन को उसकी हद बताने के लिए अमेरिका, आस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड और ग्रेट ब्रिटेन एक गठबंधन बनाया है, जिसका नाम है फाइव 'आई' (Five Eyes- FVEY). इस गठनबंधन में 'I'(आई) का अर्थ है इंटेलिजेंस. इस गठबंधन का मकसद चीन पर नजर रखना और उससे जुड़ी खुफिया जानकारियों को आपस में साझा करना है. चीन को रोकने और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में उसपर नजर रखने के मकसद से अब अमेरिकी कांग्रेस समिति इस गठबंधन में भारत, जापान और दक्षिण कोरिया को शामिल करना चाहती है. 

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार फाइव आई में इन तीन देशों को शामिल करने के अपने खास मायने हैं. एशिया में चीन की दादागिरी किसी से  छिपी नहीं रही है.  दक्षिण चीन सागर के मुद्दे पर चीन अमेरिका, आस्‍ट्रेलिया समेत अन्‍य देशों के निशाने पर है. इसके अलावा वह बड़ी तेजी से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने पांव फैला रहा है. इस मंशा के तहत उसने दक्षिण एशियाई देशों को अपनी कर्ज नीति में फंसाया है. इसके तहत ही उसने अफ्रीका के जिबूती में अपना नया सैन्‍य अड्डा बनाया है. देश के बाहर उसका यह पहला सैन्‍य अड्डा है. यहां पर ही अमेरिका का भी सैन्‍य बेस मौजूद है. चीन की बढ़ती ताकत वर्तमान में पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन चुकी है. यही वजह है कि फाइव आई में भारत, दक्षिण कोरिया और जापान को शामिल कर इसको मजबूती देने के साथ अमेरिका चीन को उसकी हद में रखना चाहता है. यदि ये तीनों देश इसमें शामिल हो जाते हैं तो इन्‍हें चीन से जुड़ी खुफिया जानकारियों को आपस में साझा करना होगा, जो चीन के कहीं न कहीं मुश्किलों को बढ़ाने वाला साबित जरूर होगा.  

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अपनी रिपोर्ट को सदन की स्थायी समिति के अध्यक्ष सांसद एडम स्चीफ ने प्रतिनिधि सभा को सौंपी इन तीन देशों को इस गठबंधन में शामिल करने की सिफारिश करते हुए कहा है ये हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और कानून का राज कायम करने के लिए जरूरी है. इसके लिए ओडीएनआई को साठ दिन का समय दिया गया. ओडीएनआई दरअसल, रक्षा मंत्री के तहत खुफिया मामलों की समिति है. कांग्रेस की खुफिया एवं रक्षा समितियों को कानून बनने या तीन देशों को इस गठबंधन में शामिल करने के साठ दिनों के अंदर सदस्‍य देशों को खुफिया जानकारियों का आदान-प्रदान करना होगा. रिपोर्ट में इस साझेदारी को अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों को आगे बढ़ाने और बनाए रखने के लिए काफी अहम बताया गया है. 

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