जानिए किस वजह से 'चिदंबरम' को जाना पड़ सकता है जेल
जानिए किस वजह से 'चिदंबरम' को जाना पड़ सकता है जेल
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पूर्व केंद्रीय वित्‍त मंत्री पी. चिंदबरम पर आईएनएक्स मीडिया घोटाला मामले में गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. फ‍िलहाल चिदंबरम भूमिगत हैं और केंद्रीय जांच एजेंसियां सीबीआई व ईडी की टीमें बड़ी शिद्दत से उनकी तलाश रही हैं. इससे बचने के लिए चिदंबरम ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. चूंकि चिदंबरम वकील हैं इसलिए उन्‍हें कानून से बचने के सारे दांवपेंच भी मालूम हैं. इसीलिए वह गिरफ्तारी से बचने की भरसक कोशिश कर रहे हैं. बावजूद इसके यदि चिदंबरम को सीबीआई और ईडी में से कोई भी गिरफ्तार कर लेती है तो उन्‍हें 28 दिन (14-14 दिन) तक जेल में रहना पड़ सकता है. चिदंबरम के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी हो चुका है. आगे पढ़े 

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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि पूरा मामला आईएनएक्स मीडिया घोटाले से जुड़ा हुआ है. इसमें 15 मई 2017 को सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी. इसके बाद 2018 में प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था. इस केस में आइएनएक्‍स मीडिया को सन 2007 में गलत तरीके से विदेशी निवेश की मंजूरी देने का है. पी. चिदंबरम के वित्‍त मंत्री रहते हुए आइएनएक्‍स मीडिया को विदेशी निवेश की मंजूरी मिली थी. जिस आइएनएक्‍स कंपनी के लिए विदेशी निवेश मंजूर किया गया था उसकी सहयोगी कंपनी चिदंबरम के बेटे की थी. आरोप हैं कि कार्ती चिदंबरम ने अपने पिता के वित्‍त मंत्री होने का फायदा उठाया और गैरकानूनी निवेश को भी मंजूरी दिला दी. मामले में पी. चिदंबरम और कार्ती चिदंबरम दोनों ही आरोपी हैं. 

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मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आइएनएक्‍स को टीवी न्‍यूज में विदेशी निवेश के लिए केवल चार करोड़ 62 लाख रुपये की मंजूरी मिली थी लेकिन कथित हेराफेरी के जरिये करीब 305 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश लाया गया. आरोप यह भी हैं कि अवैध तरीके से लाई गई रकम को गलत तरीके से दूसरी कंपनियों में ट्रांसफर किया गया. चिदंबरम आईएनएक्‍स मीडिया और एयरसेल मेक्‍सेस (Aircel-Maxis 2G scam case) दोनों मामलों में फंसे हैं. चिदंबरम और उनके बेटे कार्ती से पूछताछ के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियां ईडी और सीबीआई उनकी हिरासत मांग रही हैं. गिरफ्तारी से बचने के लिए चिदंबरम को इन मामलों में हाईकोर्ट से राहत मिल गई थी जो कि पिछले साल जुलाई से हाल फ‍िलहाल तक कई बार बढ़ चुकी है.

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