छत्तीसगढ़ राज्य में नक्सलियों का प्रभाव काफी अधिक है. सरकार इस स्थिति से निपटने के लिए भरपूर प्रयास कर रही है. सरकार ने बीते काफी समय में कई कार्यवाही को अंजाम दिया है. जिसका परिणाम देखने को मिल रहा है. बता दे कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के 342 की आबादी वाले तुरठा पंचायत के ग्रामीण सामूहिक सहभागिता से स्वच्छता की अलख जलाकर स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने में लगे हैं.दुनिया की चकाचौंध से दूर इस गांव में नई पीढ़ी की भविष्य की चिंता इस कदर है कि स्वछता और जल संरक्षण की दिशा में यहां कारगर कदम उठाए रहे हैं.यहां स्वच्छता को लेकर जो मुहिम चल रही है वह अपने आप में अनूठी है. पूरे गांव के लोग मिलकर गांव की सफाई करते हैं. स्वच्छता के इस संकल्प के साथ इन्होंने अपने गांव का कायाकल्प कर दिया है.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हर रविवार गांव के प्रत्येक घर से एक एक व्यक्ति हाथों में झाड़ू लेकर गली-मोहल्लों की सफाई करता है.63 परिवारों वाले इस गांव की एक और खासियत काफी प्रभावित करने वाली है. यहां नक्सलियों के डर से गांव छोड़कर जिला मुख्यालय गए लोगों की खाली जमीन पर सामूहिक खेती कर फसल ली जा रही है. इसके एवज में जो धन उपार्जन होता है उससे गांव के विकास कार्य में आर्थिक सहयोग मिल रहा है.गांव के युवा और बुजुर्गों के बीच आपसी तालमेल इस कदर है कि सामूहिक फैसले के खिलाफ कोई भी ग्रामीण आगे नहीं आता है.
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अगर आपको नही पता तो बता दे कि जंगल और खेतों में शौच की कुरीति को खत्म करने के लिए गांव के हर एक घर में शौचालय बनाया गया है. गांव में तीन-तीन लोगों के कई समूह बनाए गए हैं जो शौचालय की उपयोगिता के लिए लोगों को प्रोत्साहित करते हैं. गांव में खुले में शौच पर बहुत पहले से ही जुर्माने का नियम लागू है. खुले में शौच की कुप्रथा रोकने के लिए काम करने पर छह सौ रूप प्रोत्साहन राशि दी जाती है. इस नियम के चलते अब पूरे गांव में लोग शौचालय का उपयोग कर रहे हैं.
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