NGO से भ्रष्टाचार हटाया तो नाराज हुए अन्ना हजारे
NGO से भ्रष्टाचार हटाया तो नाराज हुए अन्ना हजारे
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मुंबई। भ्रष्टाचार के खिलाफ और सकारात्मक शैली वाले व्यक्ति अन्ना हजारे ने अपने गैर सरकारी संगठन (NGO) का नाम बदले जाने पर आपत्ति जताई है। गांधीवादी कार्यकर्ता ने पुणे के धर्मार्थ आयुक्त के द्वारा उठाये गए उस कदम पर नाराजगी जताई है, जिसमें उनके NGO "भ्रष्टाचार विरोधी जन आंदोलन महाराष्ट्र" के नाम से "भ्रष्टाचार" शब्द ही हटा दिया गया है। हजारे ने बताया कि इस संबंध में अभी हमें कोई नोटिस (सूचना) नहीं मिला है, मिलने पर कानून का सहारा लिया जाएगा। हजारे ने कहा कि उन्हें मालूम चला है कि यह आदेश सिर्फ मेरे संगठन ही नहीं, बल्कि 16 उन NGO पर भी लागू किया गया है, जिनके नाम में 'भ्रष्टाचार' शब्द लगा हुआ है। 

भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले हजारे ने अपने गांव रालेगण सिद्धि में गुरुवार को कहा, 'सरकार को भ्रष्टाचार पर काबू करना चाहिए। चूंकि सरकार इसमें सफल नहीं हो पा रही है, इसलिए हमारे जैसे संगठन आगे आए हैं।' उन्होंने कहा, 'हमारे संगठन की कार्यशैली पारदर्शी है। जब संगठन का गठन किया गया था, तब इस सरकार ने इस तरह की आपत्ति क्यों नहीं ली थी। हमें अब तक कोई नोटिस नहीं मिला है। नोटिस मिलने के बाद हम इस पर कानूनी राय लेंगे और जरूरत पड़ी तो अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे।'

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