नई दिल्ली: जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रयान-2 का लैंडर विक्रम चंद्रमा की सतह पर उतरने का प्रयास कर रहा था, तो उस समय 'हार्ड लैंडिंग' के कारण उसका ग्राउंड स्टेशन से संपर्क टूट गया. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने यह जानकारी दी. उसने कहा है कि अंतरिक्ष एजेंसी के वैज्ञानिक लैंडर को खोजने में अभी तक नाकाम रहे हैं.
इससे पहले इसरो चीफ के सिवन ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया था कि चंद्रयान-2 का ऑर्बिटर एकदम सही तरीके से काम कर रहा है. उसने अपने एक्सपेरिमेंट्स भी आरंभ कर दिए हैं. अहमदाबाद के एक इवेंट में सिवन इस संबंध में बता रहे थे. उन्होंने कहा कि लैंडर विक्रम के साथ क्या समस्या हुई, इसकी जांच के लिए एक नेशनल-लेवल कमिटी गठित की गई है.
सिवन ने कहा कि अब ISRO का अगला बड़ा मिशन सूरज पर आधारित होगा. इसके अतिरिक्त किसी भारतीय स्पेसक्राफ्ट के माध्यम से इंसान को भेजना भी ISRO का लक्ष्य है. ISRO छोटे सैटेलाइट्स को लॉन्च करने के लिए एक रॉकेट भी बना रहा है. सिवन ने कहा कि 'आर्बिटर में आठ इंस्ट्रमेंट्स होते हैं और हर इंस्ट्रमेंट्स वही कर रहे हैं जो इसे करना होता है.' उन्होंने कहा कि "शुरुआत में आर्बिटर के लिए एक वर्ष की योजना बनाई गई थी, किन्तु इस बात की पूरी संभावना है कि यह और साढ़े सात वर्ष के लिए काम करेगा, जिससे हमें वैज्ञानिक परीक्षणों में सहायता मिलेगी."
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