नई दिल्ली : डोप विवाद में उलझे भारतीय पहलवान नरसिंह यादव पर उनके मुकाबले से कुछ घंटो पहले अंतरराष्ट्रीय खेल पंचाट ने 4 साल का प्रतिबंध लगाकर ओलंपिक से बाहर कर दिया था. घर लौटने के बाद नरसिंह ने कहा कि अगर इस पूरे षडयंत्र की CBI जांच नहीं कराई गई तो भविष्य में खेल को बड़ा नुकसान होगा.
उन्होंने कहा, 'मेरे साथ जो हुआ वो किसी के साथ ना हो. मुझे 1 अगस्त को क्लियर किया गया था. NADA (राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी) अगर WADA (अंतराष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी) को पहले ही रिपोर्ट भेज देती तो मामले की सुनवाई मेरी बाउट से कुछ घंटे पहले नहीं होती. ये एक बड़ा षड्यंत्र है और इसकी पूरी जांच होनी चाहिए. मुझे अपने वकील को रियो बुलाने तक का समय नहीं दिया गया. जो लोग इस साजिश के पीछे हैं, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा होनी चाहिए और मैं प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी गुहार लगाऊंगा.
नरसिंह ने कहा की 4 साल तक कड़ी मेहनत करके उन्होंने देश के लिए ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना देखा था, जो कुछ पल में ही चकनाचूर हो गया. ये 4 साल का प्रतिबंध बैन मेरे करियर को तबाह कर देगा. मेरे साथ पिछले 4 महीनों में जो कुछ भी हुआ उसके बावजूद मैं कुश्ती लड़ने के लिए तैयार था. कांस्य पदक जीतने वाले दोनों पहलवानों को मैं पहले हरा चुका था. मेरे लिए इससे बड़ा दुर्भाग्य क्या होगा की मुझे लड़ने ही नहीं दिया गया. कुछ लोग यहां से ईमेल करके WADA को कह रहे थे की मुझे राजनीतिक दबाव में क्लीन चिट दी गई है. जब अपने लोग ही ऐसा करेंगे तो दूसरों के बारे में क्या कहना? मैं सारी रात रोता रहा.