नई दिल्ली : नरोदा पाटिया दंगा मामले में बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी की जमानत याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने गुजरात सरकार से जवाब तलब किया है. बजरंगी को 2002 के नरोदा पाटिया मामले में 21 साल जेल कैद की सजा मिली थी. दरअसल शीर्ष अदालत ने 2002 के नरोदा पाटिया दंगा मामले में चार दोषियों को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था.
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सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली बेंच ने दोषियों को जमानत दे दी थी. अदालत ने कहा था कि उनको दोषी करार दिए जाने पर संशय है. इस मामले में अभी बहस की गुंजाइश बाकी है. इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया जाए. इन सभी दोषियों को आईपीसी की धारा 436 (घर को नष्ट करने के इरादे से आग लगाना या विस्फोट करना) के तहत दोषी करार दिया गया था.
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इससे पहले गुजरात उच्च न्यायालय ने नरोदा पाटिया मामले में चारों दोषियों को सजा सुनाई थी. उमेश भरवाद, पदमेंद्र सिंह राजपूत और राजकुमार चौमल को अदालत ने 10 वर्ष की सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी और दोषियों पर एक हजार रुपए का जुर्माना भी थोपा गया था.साथ ही गुजरात उच्च न्यायालय ने बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को दोषी बताया था. किन्तु सबूतों के अभाव में पूर्व भाजपा मंत्री माया कोडनानी को बरी कर दिया था.
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