नरेंद्र बत्रा को है महिला हॉकी लीग शुरू नहीं कर पाने का मलाल

नई दिल्ली : भारतीय हॉकी का कायाकल्प करने वाले नरेंद्र बत्रा को इस बात का मलाल है कि वह अपने अपने कार्यकाल में एचआईएल की तर्ज पर महिला हॉकी लीग शुरू नहीं कर पाए. बता दें कि नरेंद्र बत्रा ने उक्त उदगार हॉकी इंडिया के अध्यक्ष के तौर पर अपने कार्यकाल के समापन के अवसर पर व्यक्त किये. गौरतलब है कि नरेंद्र बत्रा अब एफआईएच के नए अध्यक्ष बन गए हैं. इस कारण उन्हें नियमानुसार हॉकी इंडिया के अध्यक्ष, एशियाई हॉकी महासंघ के उपाध्यक्ष, हॉकी इंडिया लीग के चेयरमैन और जम्मू कश्मीर हॉकी महासंघ के अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ेगा.

अपने कार्यकाल की समाप्ति पर दिए उद्बोधन में बत्रा ने कहा कि हॉकी इंडिया अब पेशेवर ढांचा हो गया है और पिछले चार पांच साल से ऐसा ही है. मुझे संतोष है कि मैंने बेस बना दिया है और उम्मीद है कि यह ऐसा ही रहेगा. अपने कार्यकाल की उपलब्धियां बताते हुए उन्होंने प्रगति की चर्चा करते हुए कहा कि पुरुष टीम विश्व रैंकिंग में 12वें से छठे स्थान पर पहुंच गई और महिला टीम ने लंबे समय बाद ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई किया. मैं महिला लीग शुरू करना चाहता था, लेकिन विफल रहा. मुझे इसी का खेद रहेगा.

आपने यह जानकारी भी दी कि 2018 हॉकी इंडिया लीग में सात टीमें होंगी और जेएसडब्ल्यू स्पोर्ट्स की टीम नई होगी. इसके अलावा भारत 2018 में पुरुष विश्व कप और एशियाई चैम्पियंस ट्राफी और अगले साल हॉकी विश्व लीग की मेजबानी करेगा.

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